बिहार के बांका में चलने वाले एक अनोखे थाने का भंडाफोड़ हुआ है. यहां फर्जी पुलिस वाले और फर्जी अफसरों की एक टीम बनाकर एक फर्जी थाना चलाया जा रहा था. थाना बांका थाना से महज आधे किलोमीटर दूर अनुराग होटल में चल रहा था. बांका थाना के नाक के नीचे यह थाना आठ महीने से चल रहा था. जिसमें डीएसपी, इंस्पेक्टर, दारोगा, महिला दारोगा, और सिपाही सब तैनात थे.मुंशी और कॉन्स्टेबल तक सभी यहां काम करते थे. ये सभी टू टंच वर्दी में रहते थे और पुलिसिया कार्रवाई भी करते थे.



मजेदार बात यह है कि इस फर्जी थाने में तैनात महिला दारोगा को रिवॉल्वर की जगह कट्टा दिया गया था. साथ ही यहां काम करने वाले सिपाही को हर रोज पांच सौ रुपए दिहाड़ी दी जाती थी.

फर्जी DSP आया पकड़ में तब हुआ भंड़ाफोड़

मामले का खुलासा तब हुआ जब फर्जी थाना चला रहे डीएसपी पर बांका के नगर थानाध्यक्ष शंभू यादव की नजर पड़ गई. हुआ यह कि नगर थाना प्रभारी शंभू यादव गश्ती के लिए निकले थे. इस दौरान गांधी चौक से शिवाजी चौक के पास उन्होंने पुलिस की वर्दी में एक युवक को देखा, युवक की वर्दी पर डीएसपी का बैच लगा हुआ था. उसके हावभाव से थानाप्रभारी को शक हुआ. जिसके बाद उसने युवक को बुलाकर पूछताछ की तो फर्जी थाने का खुलासा हो गया.

पुलिस की गिरफ्त में पांच लोग

मामले का खुलासा होने के बाद थाना प्रभारी शंभू यादव ने बताया कि 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें फर्जी डीएसपी बने युवक की पहचान भागलपुर जिले के सुल्तानगंज थाना के खानपुर गांव के आकाश कुमार के रूप में हुई है. थाने में तैनात महिला दरोगा फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के दूधघटिया गांव की श्यामलाल टुड्डू की पुत्री अनीता देवी है. अनीता देवी को सर्विस रिवाल्वर के तौर पर देशी कट्टटा दिया गया था. वहीं सिपाही की पहचान फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के ही लौंडिया गांव का है.

55 हजार लेकर फर्जी दारोगा की नौकरी

थाने में तैनात फर्जी महिला दारोगा ने बताया कि उससे 55 हजार रुपए लेकर उसकी नियुक्ति कराई गई थी. उससे कहा गया था कि उसकी बात नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन से होती है. इसलिए उसे ठगी का पता नहीं चला. जबकि थाने में एक महिला को तैनात किया गया था यहां सुल्तानगंज के खानपुर गांव की जूली कुमारी मुंशी का काम कर रही थी. जबकि चपरासी फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के ही पथाय गांव के रहने वाले वकील मांझी हैं.