यूरिक एसिड (Uric acid) लेवल का बढ़ना एक आम समस्या बन गया है जिससे बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। यूरिक एसिड एक गंदा पदार्थ होता है, जो खून में पाया जाता है। इसकी मात्रा को बढ़ने को मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें प्लाज्मा यूरिक एसिड बढ़ जाता है। लंबे समय तक यूरिक एसिड के बढ़ने से गाउट (Gout) नाम की बीमारी हो जाती है, जो गठिया (Arthritis) की तरह है और इसमें जोड़ों में गंभीर दर्द होता है।
हाइपरयूरिसीमिया यानी यूरिक एसिड के अधिक बढ़ने से न केवल गाउट बल्कि किडनी की पथरी (Kidney stone) और अन्य कई बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इसकी वजह यह है कि यूरिक एसिड लंबे समय जमा होने से वो ठोस पदार्थ या क्रिस्टल का रूप ले लेता है, जो पथरी का रूप ले सकते हैं। अगर बात करें यूरिक एसिड के बढ़ने के लक्षणों की तो इसमें गाउट, जोड़ों में तेज दर्द होना, जोड़ो का अकड़ जाना, जोड़ों को हिलाने में कठिनाई, लाली और सूजन होना आदि शामिल हैं।
बेशक मेडिकल में हाई यूरिक एसिड के कई इलाज (Uric acid treatment) हैं लेकिन आप कुछ घरेलू या आयुर्वेदिक उपायों के जरिए भी इस समस्या से राहत पा सकते हैं। यूरिक एसिड कैसे कम करें? आप बढ़े हुए यूरिक एसिड को पान के पत्तों द्वारा भी कम कर सकते हैं। जर्नल ऑफ फिजिक में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पान के पत्ते यूरिक एसिड के बढ़े हुए लेवल को कम कर सकते हैं।
चूहों को दिया गया पान के पत्तों का रस
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चूहों पर रिसर्च की। वो यह जानना चाहते थे कि क्या पान के पत्ते चूहों में यूरिक एसिड लेवल को कम कर सकते हैं या नहीं। इसके लिए उन्होंने हाइपरयूरिसेमिक नर सफेद चूहों को पान के पत्तों का रस दिया।