कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus epidemic ) से पूरी दुनिया जूझ रही है और अब तक इस वायरस ने 5 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली है। वहीं, एक करोड़ से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अभी भी लगातार यह वायरस तेजी के साथ फैल रहा है और लोगों को अपना शिकार बनाता जा रहा है।
इस बीच सोशल मीडिया ( Social Media ) के जरिए लोगों तक कई तरह की भ्रांतियां और ऐसी खबरें भी पहुंच रही है कि पालतू जानवरों की वजह से कोरोना वायरस फैल रहा है। हालांकि, अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने साफ-साफ कहा है कि पालतू जानवर ( Pet Animal ) से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बेहद कम है।
बता दें कि कोरोना वायरस के फैलने के साथ ही इससे जुड़े मिथक के फैलने से लोगों में भ्रम की स्थित देखने को मिल रहा है। लोग काफी डरे हुए हैं। कभी ये कहा जा रहा है कि ये खतरनाक वायरस आपके जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है, तो कभी ये कहा जा रहा है जानवरों के द्वारा ये वायरस आपके शरीर में प्रवेश ( Corona virus spread among humans from animals ) कर सकता है।
पालतू जानवरों से कोरोना के फैलने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ( World Health Organization Chief Scientist Soumya Swaminathan ) ने जिनेवा में कहा कि इस वायरस से कई जानवर संक्रमित हुए हैं, लेकिन पालतू जानवर से इसका फैलाना मुश्किल है।
उन्होंने आगे कहा कि किसी इंसान में पालतू जानवरों से कोरोना वायरस फैलने की संभावना काफी कम है। हालांकि पहले ऐसा कहा जा रहा था कि जानवर से ही इंसानों में कोरोना वायरस फैला है। इसके लिए कभी समुद्री जीवों को कारण बताया गया तो कभी चमगादड़ और पैंगोलिन ( Bats and pangolins ) का नाम लिया गया।
बता दें कि, अभी तक इस बात को प्रमाणित नहीं किया जा सका है कि आखिर कोरोना वायरस का मूल स्रोत किया है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति ( Origin of coronavirus ) का मूल कारण किया है। इसको लेकर लगातार शोध किया जा रहा है। मालूम हो कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति सबसे पहले चीन के वुहान शहर ( Wuhan City of China ) में पाया गया था। इसके बाद देखते ही देखते पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया।
ऐसा भी माना जा रहा है कि यह वायरस वुहान शहर के एक प्रयोगशाला में बनाया गया है, लेकिन इसको लेकर भी अभी तक कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। बहरहाल, इस वायरस के खतरे से निपटने के लिए वैक्सीन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन ( Corona vaccine ) बन जाएगा।