आज यानी 11 जून 2022 को देश के स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil Jayanti) की जयंती मनाई जा रही है. बिस्मिल का जन्म 1897 में ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिमी प्रांत (उत्तर प्रदेश) के शाहजहांपुर में हुआ था. बिस्मिल (Ram Prasad Bismil) न सिर्फ एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि वो एक बेहतरीन कवि और अच्छे लेखक भी थे. वो महज 11 साल की उम्र में आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. खेलने-कूदने की उम्र में क्रांतिकारी आंदोलन में हिस्सा लेने की वजह से राम प्रसाद बिस्मिल एक वीर क्रांतिकारी के साथ-साथ बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी बन गए. उन्हें साल 1918 के मैनपुरी षडयंत्र और 1925 के काकोरी कांड में हिस्सा लेने के लिए जाना जाता है.
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल हिंदू-मुस्लिम एकता में काफी विश्वास रखते थे. अशफाक उल्ला खां और राम प्रसाद बिस्मिल की दोस्ती ने हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल पेश की. हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले बिस्मिल के विचार भी उनकी तरह क्रांतिकारी थे, जिन्हें आप उनकी जयंती के इस खास अवसर पर अपनों संग शेयर करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
1- देश हित में पैदा हुए हैं देश पर मर जाएंगे,
मरते-मरते देश को जिंदा मगर कर जाएंगे.
2- हम अमन चाहते हैं जुल्म के खिलाफ,
फैसला अगर जंग से होगा तो जंग ही सही.