मोदी सरकार ने कर्मचारी और नियोक्ता के लिए नए लेबर कोड (New Labour Codes) बनाए हैं। सरकार चार लेबर कोड ला रही है, जिससे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ही फायदा होगा। नए लेबर कोड के जरिए मोदी सरकार कर्मचारियों की सैलरी, सोशल सिक्योरिटी जैसे पेंशन और ग्रेच्युटी, लेबर वेलफेयर, स्वास्थ्य, सुरक्षा और वर्किंग कंडीशन में रिफॉर्म करने वाली है। यानी नए लेबर कोड के बाद कर्मचारियों के वर्किंग आवर (Working Hours under new labour codes) यानी काम करने के घंटों और छुट्टियों में बदलाव (Leaves under new labour codes) देखने को मिल सकता है।
नए लेबर कोड लागू होने के बाद काम के अधिकतम घंटे 12 करने का प्रस्ताव है। हालांकि, साप्ताहिक सीमा को 48 घंटे पर फिक्स रखा जाएगा। यानी नई व्यवस्था में 4 दिन काम करके 3 दिन वीकऑफ भी मिल सकेगा, अगर आप रोज 12 घंटे काम करते हैं। वहीं ओवरटाइम के घंटों को भी एक तिमाही में 50 घंटे से बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है। इससे वीकेंड पर कर्मचारी ओवरटाइम कर के अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं।
नई व्यवस्था में सिर्फ 4 दिन काम और तीन दिन छुट्टी... ये सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है, लेकिन हकीकत थोड़ी अलग है। जिन 4 दिन आप काम करेंगे, वह 12-12 घंटे काम होगा। देर तक काम करने का असर आपके स्वास्थ्य पर दिख सकता है। वहीं कई बार इसके बाद कंपनियां ओवरटाइम के लिए कह सकती हैं। ऐसे में भले ही आपको पैसे थोड़े अधिक मिल जाएंगे, लेकिन आपका काम बहुत अधिक बढ़ जाएगा। देखा जाए तो इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।
सिर्फ 180 दिन में ही मिलने लगेगी छुट्टी
नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर भी एक बड़ा बदलाव किया गया है। अभी तक किसी नए कर्मचारी को छुट्टियों के लिए योग्य होने के लिए कम से कम 240 दिन काम करना होता था, लेकिन अब कोई भी कर्मचारी सिर्फ 180 दिनों में ही छुट्टी लेने के लिए योग्य हो जाएगा। यानी अब छुट्टी पाने की योग्यता की सीमा तक पहुंचने के लिए आपको कम दिन काम करना होगा। सरकार का यह कदम कर्मचारियों को बड़ी राहत देने वाला है।
कितनी छुट्टियां मिलेंगी, कितनी होंगी कैरी फॉर्वर्ड
सरकार ने नई व्यवस्था में छुट्टियों की संख्या को पहले जैसा ही रखा है। यानी हर 20 दिन काम करने पर आपको 1 दिन की छुट्टी मिलेगी। साथ ही, कैरी फॉरवर्ड होने वाली छुट्टियों की संख्या को भी ना बदलते हुए उसकी संख्या 30 रखी गई है। हालांकि, छुट्टियों को लेकर जो प्रावधान सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर लागू होते थे, अब सभी सेक्टर पर लागू होंगे। इस कदम को खूब तारीफें मिल रही हैं।
हर साल के अंत में मिलेंगे छुट्टियों के पैसे
नए लेबर कोड के तहत अब हर साल के अंत में छुट्टियों के एनकैश करना जरूरी कर दिया गया है। यानी अगर साल के अंत में आपके पास 45 दिन की छुट्टी बची है तो उसमें से 30 छुट्टियां तो अगले साथ कैरी फॉर्वर्ड हो जाएंगी, लेकिन बची हुई 15 छुट्टियां कैश की जाएंगी। अभी तक नियमों के मुताबिक छुट्टियां सिर्फ साल के अंत में ही कैश की जाती हैं, लेकिन नए लेबर कोड आने के बाद यह व्यवस्था बदल जाएगी।
वर्क फ्रॉम होम का भी रखा गया है ध्यान
कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम एक अहम प्रैक्टिस बनकर उभरा है। ऐसे में नए लेबर कोड बनाते हुए केंद्र सरकार ने इसका भी ध्यान रखा है। हालांकि, इस पर किस तरह के प्रावधान बनेंगे, अभी उसकी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है। नई व्यवस्था के तहत वर्क फ्रॉम होम को लेकर कंपनियों की तरफ से भी कुछ गाइडलाइंस बन सकती हैं। वर्क लाइफ बैलेंस में वर्क फ्रॉम होम अहम योगदान दे सकता है। अभी भी कई कंपनियां हाइब्रिड मॉडल अपना रही हैं, जिनमें कुछ दिन घर से काम होता है और कुछ दिन ऑफिस से। इस मॉडल को अधिकतर कर्मचारी पसंद भी कर रहे हैं।