छत्तीसगढ़ में नशा विरोधी अभियान के तहत एक अनोखा मामला देखने को मिला है. यहां पर कई टन गांजा जलाई गया, जिससे कि बिजली का उत्पादन हुआ. दरअसल, बिलासपुर पुलिस रेंज के थानों में नशे से आजादी अभियान के तहत जब्त 12 टन गांजे को पावर प्लांट की भट्टी में शुक्रवार को डाल कर नष्ट किया गया, जिससे करीब 5 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ है. देश में नशीले पदार्थ को जलाकर बिजली उत्पादन का यह अनोखा मामला है. नशे की सामग्री नष्टीकरण में गांजे के साथ ही नशीले कफ सीरप इंजेक्शन और टैबलेट भी जलाकर नष्ट की गई.
बिलासपुर पुलिस रेंज आईजी रतन लाल डांगी ने बताया कि 12 से 26 जून तक नशे से आजादी पखवाड़ा मनाया जा रहा है. इस दौरान सभी थाना क्षेत्र में नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में गांजा जब्त किया गया. नशीले पदार्थ को जब्त करने के लिए ड्रग डिस्पोजल कमेटी बनाई गई. कमिटी ने नशे के सामान की सूची तैयार की और उसे पावर प्लांट में डिस्पोज़ करने का निर्णय लिया गया, ताकि बिजली बनाकर उपयोग हो सके.
जानकारी है कि बिलासपुर रेंज के सभी थानों में जब्ती के 553 प्रकरणों में 12.767 टन गांजा, 13 नग पौधा, 8380 नग टैबलेट, 11,220 नग कफ सिरप, 897 नग कैप्सूल व 222 नग इंजेक्शन जब्त किया गया था, जिसे पॉवर प्लांट की भट्टी में नष्ट किया गया.