सुनाम के गांव भगवानपुरा में डेढ़ सौ फुट गहरे बोर में गिरे दो साल के मासूम फतेहवीर सिंह को 24 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। शुक्रवार को बठिंडा से आई सेना ने मोर्चा संभाल लिया। वहीं इससे पहले एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे के हाथों में रस्सी डालकर उसे बाहर निकालने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली।



बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रशासन को बार-बार योजना बदलनी पड़ रही है। बोर के आसपास करीब चालीस फुट जमीन को खोद दिया गया है और बोर के समानांतर करीब 48 इंची चौड़ा पाइप जमीन में डालने का काम शुरू किया गया है।


योजना है कि उक्त पाइप को करीब साठ फुट जमीन के नीचे डालने के बाद नौ इंच बोर (जिसमें बच्चा गिरा है) के साथ मिलाया जाएगा और फिर बच्चे को निकाला जाएगा। 

कई जेसीबी मशीनें और ट्रैक्टर मिट्टी हटाने के काम में जुटे हुए हैं। आसपास के इलाके के हजारों लोग और प्रशासन फतेहवीर की जान को बचाने में पूरी ताकत से जुटे हैं। भीषण गर्मी भी इन लोगों का हौसला डिगा नहीं सकी है। पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा करीब चार घंटे तक घटनास्थल पर मौजूद रहे। 

डीसी घनश्याम थौरी, एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग समेत कांग्रेस की हलका प्रभारी दामन बाजवा, अकाली दल के नेता विन्नरजीत सिंह गोल्डी आदि बच्चे को निकालने के काम में हाथ बंटा रहे हैं। दूसरी तरफ मौके पर डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस का प्रबंध भी कर दिया गया है। 

हाथों में आ रही है सूजन 
सीसीटीवी के जरिए बच्चे पर चौबीस घंटे नजर रखी जा रही है और बोरवेल के भीतर लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई दी जा रही है। सीसीटीवी में शुक्रवार सुबह पांच बजे भी बच्चे की हलचल महसूस की गई और बाद में बच्चे के दोनों हाथों में सूजन होती दिखाई दी। गुरुवार को शाम करीब चार बजे फतेहवीर सिंह खेलते वक्त बोरवेल में गिर गया था। 

फतेहवीर के लिए हर चौखट से हो रही दुआ
फतेहवीर के सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर इलाके में दुआएं मांगने, प्रार्थना और अरदास करने का सिलसिला लगातार जारी है। लोग, गुरुद्वारा साहिब, मंदिरों में पूजा अर्चना करके फतेहवीर के लिए दुआएं मांग रहे हैं।    

हमें फतेह मिलेगी : डीसी 
डीसी घनश्याम थौरी ने दावा किया कि देर रात तक वे बच्चे को बचाने में कामयाब हो जाएंगे।