वीडियो गेम (video game) की लत ने फिर एक मासूम की जान ले ली। छतरपुर में 13 साल के बच्चे ने फांसी लगा ली। बच्चे के द्वारा मोबाइल (mobile) पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए धीरे-धीरे 40 हजार रुपए खर्च कर दिए। शुक्रवार को ऑनलाइन गेम के चक्कर में मां के खाते से रुपए कटे तो मां ने बच्चे को डांट दिया। इसी बात से नाराज और निराश बच्चे ने घर के कमरे में पंखे से दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगा ली, जिसमें उसकी मौत हो गई।
छतरपुर के सागर रोड पर पैथालॉजी संचालित करने वाले विवेक पाण्डेय की पत्नी प्रीति पाण्डेय जिला अस्पताल में पदस्थ हैं। इस दम्पत्ति को एक बेटा कृष्णा पाण्डेय एवं एक बेटी है। शुक्रवार को पिता पैथालॉजी पर थे , जबकि प्रीति पाण्डेय जिला अस्पताल में थीं। इसी दौरान मां को पता लगा कि उनके खाते से लगभग 1500 रूपए कट गए हैं। इस पर मां ने घर पर मौजूद बेटे को फोन लगाया और कृष्णा से पूछा कि ये पैसे क्यों कट गए। बेटे ने बताया कि ऑनलाइन गेम खेलने के कारण रुपए कटे हैं। इस बात पर मां ने नाराजगी जताई।फोन पर मां और बेटे की बातचीत खत्म होने के बाद कृष्णा अपने कमरे में चला गया और भीतर से कमरे को बंद कर लिया। घर में मौजूद बड़ी बहन ने कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खुलवाया तो वह भीतर से लॉक था। बेटी ने पिता को इस बात की खबर दी, जब मां-बाप घर पहुंचे तो दरवाजे को तोड़ा गया। भीतर देखने पर पता लगा कि बेटा पंखे से दुपट्टे का फंदा बनाकर लटक रहा है। बेटे को जब तक फंदे से उतारा जाता उसकी मौत हो चुकी थी।
शहर के सुमति एकेडमी में कक्षा 6वीं में पढऩे वाला कृष्णा पाण्डेय कोरोना लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल के संपर्क में आया और पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन गेम फ्री फायर का आदि हो चुका था। धीरे धीरे गेम की लत ने उसे इस कदर जकड़ लिया कि वह इसमे ऑनलाइन ही पैसे खर्च करने लगा।
मौत से पहले कृष्णा ने सुसाइड नोट भी लिखा। जिसमें उसने बताया कि वह लगभग 40 हजार रूपए इस फ्री फायर गेम के कारण गवां चुका है। आज भी वह 900 रूपए इस खेल में हारा था। माता-पिता को इस बात की भनक लगी, इसलिए वह दुखी होकर आत्महत्या कर रहा है।
कोरोना संक्रमण के दौरान ऑनलाइन क्लास के चलते बच्चे मोबाइल के संपर्क में ज्यादा देर तक रहते है।कई बार अभिभावकों की अनदेखी भी भारी पड़ जाती है कि बच्चा ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर मोबाइल में क्या कर रहा है।फिलहाल एकलौते बेटे की मौत से परिजन सदमे में है।