कई लोग होते हैं, जो डायबिटीज नहीं होने के बावजूद भी अपने खानपान में चीनी को अधिक शामिल करने से बचते हैं। ऐसे में वे चीनी की मात्रा कम करने के लिए शुगर फ्री गोलियों यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करते हैं। अधिकतर लोगों का यही मानना है कि ऐसा करके वे डायबिटीज से बचे रहेंगे। साथ ही चीनी के अधिक सेवन से मिलने वाली आतिरिक्त कैलोरीज से भी बच जाएंगे। शुगर फ्री का अधिक इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए कई बार हानिकारक (Sugar Free side effects in hindi) साबित हो सकता है।



शुगर फ्री या शुगर है बेहतर

यहां प्रश्न यह उठता है कि शुगर फ्री खाना अधिक फायदेमंद (Sugar Free side effects in hindi) है या शुगर यानी चीनी (Sugar benefits in hindi)? शुगर फ्री आर्टिफिशियल स्वीटनर्स होते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि ये कैलोरी फ्री होते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए शुगर फ्री (Sugar Free for diabetes patient in hindi) चीनी का बेहतरीन विकल्प है, पर किसी को भी इसका इस्तेमाल अधिक नहीं करना चाहिए। अगर आप शुगर फ्री की पैकिंग देखेंगे, तो उसके लेबल पर आपको एस्पार्टेम, सैकरिन, सुक्रोज और रेबियाना जैसे पदार्थों के नाम लिखे हुए दिखाई देंगे।

जिन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को आप स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद समझकर हजम किए जा रहे हैं, वास्तव में वे चीनी से कहीं ज्यादा खतरनाक हैं। भले ही इन पदार्थों को प्राकृतिक उत्पादों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है, लेकिन आपके मुंह तक पहुंचने से पहले ये उत्पाद किसी न किसी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से भी गुजरते हैं।

शोध की मानें तो

शुगर फ्री प्रोडक्ट्स पर बहुत कम ही शोध हुए हैं, लेकिन अब तक किए गए लगभग सभी शोधों में यही बात सामने आई है कि केमिकली ट्रीटेड आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के नकारात्मक प्रभाव आपके पेट से लेकर ब्लड शुगर और कुछ खास प्रकार के कैंसर से भी जुड़े हैं। 2006 में हुए एक सर्वे के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं हर रोज आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 50 प्रतिशत डायट सोडा पीती हैं।

बीमार कर सकता है शुगर फ्री

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। लोग सोचते हैं कि शुगर फ्री वजन घटाने में मदद करते हैं। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की एक रिसर्च के अनुसार, शुगर फ्री प्रोडक्ट्स दुबले होने में बिल्कुल भी मदद नहीं करते। यह शोध अप्लाइड फिजियोलॉजी, न्यूट्रीशन एंड मेटाबॉलिज्म पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। यह मेटाबॉलिज्म और एपेटाइट पर भी विपरीत असर डालते हैं। सिरदर्द, मितली, जोड़ों में दर्द, नींद न आना, घबराहट आदि इसके कुछ साइड एफेक्ट्स हैं, जो कुछ लोगों में नजर आते हैं।

चीनी की बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के इस्तेमाल से पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। यह आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर डालता है, जिससे भूख कम लगती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह मोटापे और दिल संबंधी बीमारियों को भी न्यौता दे सकता है। ऐसे में सेहत के लिए बेहतर यही होगा कि आप कम मात्रा में सामान्य चीनी का इस्तेमाल करें।