रायगढ़ जिले से एक अजीबोगरीब व हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल तहसील कोर्ट ने जमीन कब्जे के मामले में शिव मंदिर समेत 10 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में तलब किया है। तहसील कोर्ट ने शिव मंदिर (Shiv Temple) को पक्षकार बनाया है, इसमें शिव मंदिर के पुजारी या ट्रस्टी के नाम का उल्लेख नहीं है, इस कारण भगवान शिव (Lord Shiva) ही पक्षकार माने जा रहे हैं। शिव मंदिर समेत 10 लोगों को 23 मार्च को कोर्ट में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखना है। नोटिस में ये भी लिखा गया है कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना तथा जमीन से बेदखली की कार्रवाई की जा सकती है।
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छत्तीसगढ़ में कोर्ट द्वारा भगवान शिव को नोटिस देने का यह दूसरा मामला है। इससे पूर्व जांजगीर चांपा जिले के सिंचाई विभाग द्वारा भगवान शंकर को नोटिस (Notice to Lord Shiva) जारी कर जमीन खाली करने कहा गया था।
गौरतलब है कि रायगढ़ निगम अंतर्गत वार्ड क्रमांक 25 कौहकुंडा में स्थित शिव मंदिर को लेकर सुधा राजवाड़े नामक महिला ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उसने शिव मंदिर समेत 16 लोगों के खिलाफ जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है।
हाईकोर्ट (High Court) ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन व संबंधित तहसीलदार को जांच करने निर्दशित किया है। आदेश के परिपालन में तहसीलदार ने 10 दिन पूर्व शिव मंदिर समेत 10 लोगों को नोटिस जारी कर 23 मार्च को कोर्ट में अपना पक्ष रखने कहा है।

पक्षकारों में शिव मंदिर का भी नाम
तहसील कोर्ट द्वारा जारी नोटिस में 6वें नंबर पर शिव मंदिर के नाम का उल्लेख है। नोटिस में शिव मंदिर के पुजारी, प्रबंधक या ट्रस्टी के नाम से संबोधित न कर सीधे शिव मंदिर (Shiv temple) लिखा गया है, ऐसे में माना जा रहा है कि तहसीलदार ने भगवान शिव को ही नोटिस जारी किया है।
यदि कोई पक्षकार 23 मार्च को नियत की गई सुनवाई में नहीं आता है तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। यानी भगवान शिव भी उपस्थित नहीं होते हैं तो उनसे भी जुर्माना वसूल किया जाएगा.


अपराध की श्रेणी में आता है यह कृत्य
नोटिस जारी करते हुए नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह ठाकुर ने कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की जा रही है। मामला सरकारी जमीन पर बेजा-कब्जा का है। हाईकोर्ट में 16 लोगों के खिलाफ याचिका दायर की गई थी लेकिन स्थल जांच में 10 लोगों का ही नाम सामने आया है।
नोटिस में छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (Chhattisgarh Land Revenue Code) के नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि आप लोगों का यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। जुर्माने की राशि नहीं पटाने पर भगवान शिव समेत सभी 10 को उक्त जमीन से बेदखल किया जाएगा। वहीं नियत तिथि तक उक्त जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया जा सकेगा।