गोवा के अवे में श्री मल्लिकार्जुन देवता के तीन मंदिर, कानाकोना में श्रीस्थल और गाओडोंगरी में होली के दौरान हर दो साल में वीरमेल और शीशरन्नी मनाया जाता है।
शिशर्णी अनुष्ठान में भारी भीड़ जुटती है। तीन भक्तों के सिर पर रखे मिट्टी के बर्तन में पकाए जाने वाले चावल का अनुष्ठान देखते हुए लोग उमड़ते हैं।
तीनों भक्तों के सिर चूल्हे की तरह प्रयोग किए जाते हैं। बीच में आग लगाई जाती है और उसमे चावल पकाए जाते हैं। इस अनुष्ठान में भक्तों को कुछ नहीं होता है।
कानाकोना की आदिवासी बस्तियों खाली हो जाती हैं। जंगली पहाड़ियों में एक आश्रय में, आदिवासी वेलिप पुरुष लोक नृत्य करते हैं और अपने पूर्वजों द्वारा मनाई गई प्रथाओं की पुनरावृत्ति में मितव्ययी शाकाहारी भोजन खाते हैं।