भारतीय मौसम विभाग ने साल के पहले चक्रवाती तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया है. मार्च 2000 के बाद से उत्तर हिंद महासागर (North Indian Ocean) क्षेत्र में पहला चक्रवात आ सकता है जिसमें अरब सागर भी शामिल है. अगर ऐसा होता है, तो चक्रवाती तूफान (Cyclonic storm) को आसनी कहा जाएगा, जो श्रीलंका द्वारा दिया गया नाम है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा शुक्रवार को साझा किए गए नए अपडेट के अनुसार, कम दबाव का क्षेत्र, जो मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना था, 19 मार्च की सुबह तक पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और फिर 20 मार्च तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) के साथ-साथ उत्तर की ओर बढ़ेगा.
तूफानी हवाएं चलने की चेतावनी
शनिवार तक, यह एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव क्षेत्र (31 किमी / घंटा से कम हवा की गति) बनने की उम्मीद है और रविवार को, यह एक अवसाद (31 और 50 किमी / घंटा के बीच हवा की गति) में बदल सकता है. आईएमडी महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा, अधिकतम तीव्रता 70-80 किमी/घंटा के बीच हवा की गति वाले चक्रवात की हो सकती है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मंगलवार तक भारी से बहुत भारी वर्षा (24 घंटों में 64.5 मिमी से 204.4 मिमी) होने का अनुमान है. मछुआरों को मंगलवार तक गहरे समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है.शनिवार से मंगलवार तक मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से लगे इलाकों में न जाएं.1891 से 2021 के बीच उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में मार्च में केवल आठ चक्रवाती विक्षोभ हुए हैं.
रविवार को अंडमान-निकोबार में तेज हवाएं चलने की संभावना है. सोमवार को 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है. यह 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक के तूफानी हवाओं में बदल सकती है. तेज हवा और भारी बारिश आशंकओं के बीच मौसम खराब होने का अनुमान जताया गया है.