बालों को स्वस्थ रखने के लिए हम कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल तो कर लेते हैं, लेकिन बालों की मूलभूत जरूरत को नहीं समझ पाते। इसलिए, अगर स्वयं की नियमित रूप से देखभाल की जाए, तो स्वस्थ, चमकदार और घने बाल पाने के लिए इतने जतन करने न पड़ें, लेकिन हम घरेलू नुस्खों की जगह हेयर प्रोडक्ट्स की ओर ज्यादा आकर्षित रहते हैं। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम घने बालों के लिए टिप्स भी बताएंगे। साथ ही बाल झड़ने के कारण के बारे में भी जानकारी देंगे, जिन्हें ध्यान में रखकर बालों को झड़ने से रोककर घने बाल पाए जा सकते हैं।
बाल पतले क्यों होते हैं? – Causes Of Thin Hair In Hindi
बालों के पतले होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं।
- प्रोटीन व पोषक तत्वों की कमी : बालों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रोटीन अहम पोषक तत्व होता है। अगर शरीर में प्रोटीन की कमी होती है, तो इसका दुष्प्रभाव बालों पर देखने को मिल सकता है। इस विषय पर हुए शोध को एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। शोध में बताया गया है कि अगर शरीर में प्रोटीन की कमी होती है, तो बाल पतले होने के साथ झड़ने लगते हैं (1)।
वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार बालों के झड़ने के कारण में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। ऐसे में विटामिन और मिनरल की सही खुराक बालों के झड़ने की समस्या को कम कर सकती है। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि कौन से विटामिन और खनिज का सेवन बालों को झड़ने से रोकने में मदद कर सकता है। कई बार गलत पोषक तत्व का ज्यादा सेवन करने से बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती है (2)। बालों को बढ़ाने के लिए कौन-से पोषक तत्व जरूरी हैं, इसके बारे में हम लेख के अगले हिस्से में बताएंगे
- स्ट्रेस : बाल झड़ने के पीछे का एक कारण स्ट्रेस को भी माना जा सकता है। दरअसल, स्ट्रेस की वजह से बालों के विकास में बाधा आती है। चूहों पर किए गए एक शोध में भी स्ट्रेस की वजह से बालों की ग्रोथ में अवरोध और हेयर फॉलिकल्स पर हानिकारक प्रभाव देखे गए हैं (3)। शारीरिक या भावनात्मक तनाव के कारण स्कैल्प के करीब एक से तीन चौथाई बाल झड़ सकते हैं। इस तरह के बालों के झड़ने को टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen Effluvium) कहा जाता है (4)।
- हॉर्मोनल असंतुलन : स्ट्रेस के साथ ही हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने से भी बाल झड़ने लगते हैं (4)। इसमें सबसे पहले रजोनिवृत्ति (Menopause) की वजह से हॉर्मोन्स में होने वाले बदलाव शामिल हैं (5)। इसके अलावा, प्रसव के बाद होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन के कारण भी बाल झड़ सकते हैं (6)। रजोनिवृत्ति या प्रसव के कारण बालों का झड़ना अक्सर 6 महीने से 2 साल के बाद ठीक हो सकता है। इसके अलावा, पीसीओडी (pcod) की समस्या ले कारण भी बाल पतले हो सकते हैं।
- खून की कमी के कारण : शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहा जाता है और इसका एक कारण आयरन की कमी भी हो सकती है (7)। रक्त की आपूर्ति बालों के बढ़ने में मददगार हो सकती है। वहीं, शरीर में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया बालों के पतले होने और झड़ने का प्रमुख कारण हो सकता है (8)। फिलहाल, इस विषय पर और शोध किया जा रहा है।
- थायराइड के कारण : बालों के पतले होने का एक कारण थायराइड की समस्या भी हो सकती है। थायरायड हॉर्मोन बालों के विकास और रखरखाव के लिए जरूरी है। अगर हाइपोथायरायडिज्म (थायरायड ग्रंथि हॉर्मोन का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पाती) या हाइपरथायरायडिज्म (थायरायड ग्रंथि अधिक हॉर्मोन का अधिक उत्पादन करती है) की स्थिति बनती है, तो बालों का झड़ना शुरू हो सकता है (9)।
- मेडिकल कंडीशन के कारण : कुछ मेडिकल कंडीशन ऐसी भी होती हैं, जो बालों के पतला होने और झड़ने का कारण बन सकती हैं। उन्हीं में से एक है एलोपेशिया एरीटा भी है। यह ऑटोइम्यून बीमारी है। इस बीमारी के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली, जो सामान्य रूप से आपके शरीर को बीमारी से बचाने में मदद करती है, बालों के फॉलिकल्स पर हमला करना शुरू कर देती है। हेयर फॉलिकल्स त्वचा का वो हिस्सा होते हैं, जिनसे बाल बढ़ते हैं (10)। इसके अलावा, हृदय की समस्या और कैंसर जैसी बीमारी होने पर भी बालों का पतला होना या झड़ना शुरू हो सकता है (11)।
- प्रसव के कारण : प्रसव के बाद वाले समय को भी बाल झड़ने का एक कारण माना जा सकता है। एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद बालों के झड़ने की शिकायत हो सकती है। फिलहाल, इस संबंध में और शोध किए जाने की जरूरत है (6)।