उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों (assembly elections) के नतीजे आ गए हैं। माना जा रहा था कि इन नतीजों के आने के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों (petrol-diesel price) में बढ़ोतरी हो सकती है। कल यानी 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी भाजपा मुख्यालय में अपने संबोधन में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत पर चिंता जताई थी। माना जा रहा है कि होली से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।




लेकिन चुनावों नतीजों की घोषणा के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये और डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। मुंबई में पेट्रोल 109.98 रुपये और डीजल 94.14 रुपये, कोलकाता में पेट्रोल 104.67 रुपये और डीजल 89.79 रुपये में मिल रहा है। चेन्नई एक लीटर पेट्रोल की कीमत 101.40 रुपये और डीजल की कीमत 91.43 रुपये है।

कितनी बढ़ेगी कीमत
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में दिवाली के दिन यानी चार नवंबर को बदलाव हुआ था। उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत करीब 80 डॉलर प्रति बैरल थी। इस बीच यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के कारण यह 139 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर भी पहुंच गया था। बुधवार को इसमें 17 फीसदी गिरावट आई और यह 106 डॉलर पर आ गया था। लेकिन गुरुवार को फिर यह पांच फीसदी चढ़कर 116 डॉलर पर पहुंच गया। आज इसमें फिर मामूली गिरावट दिख रही है और फिलहाल यह 108 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा है।

जानकारों के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल की कीमत में 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी होती है। तेल कंपनियों को हर लीटर पर 10 से 12 रुपये का नुकसान हो रहा है। तेल कंपनियों में इस बात पर सहमति है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत में चरणबद्ध तरीके से प्रति लीटर पांच से छह रुपये की बढ़ोतरी की जानी चाहिए। इससे उपभोक्ताओं पर अचानक इसका बोझ नहीं पड़ेगा। फिलहाल तेल कंपनियों को प्रति लीटर पांच से छह रुपये का बोझ झेलना पड़ेगा।