मई के महीने की शुरुआत हो चुकी है, साथ ही जिले में भीषण गर्मी भी हो रही है, हर दिन पारा बढ़ता ही जा रहा है, इंसान गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहा है, जैसे ही 10-11 बजने लगते हैं, तेज धूप होती है, लोग घरों में पंखे कूलर के पास बैठ जाते हैं। सड़कों में सन्नाटा पसर जाता है, लेकिन फिर भी जिनका काम होता है उन्हें इस तेज गर्मी में भी बाहर निकलना ही पड़ता है।
गर्मी इतनी तेज हो रही है कि लोग भीषण गर्मी के चलते बीमारियों और लू की चपेट में आ रहे है। गर्मी में लोग सबसे ज्यादा लू से प्रभावित हो सकते हैं। जिसके बचाव की सलाह दी गई है। गुरूवार को शहडोल का पारा 4१ डिग्री सेल्सियस के पास दर्ज कराया गया है। ऐसे में आपको भी सावधान रहने की आवश्यकता हैं। क्योंकि गर्मी हर दिन बढ़ती ही जा रही है।
जानिए क्या है लू ?
गर्मी के मौसम में गर्म हवाएं चलने लगती हैं। निर्बल या कमजोर व्यक्तियों में इसका खतरा अधिक रहता है। युवाओं की तुलना में बच्चे और वृद्ध इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। इसी प्रकार मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग से पीडि़त व्यक्ति भी गर्म हवाओं की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। किसी व्यक्ति को लू लगी है या नहीं, इसका पता उसके शरीर में हुए परिवर्तनों या लक्षणों को देख कर लगाया जा सकता है।
लू लगने के लक्षण
लू लगने से चक्कर आने लगते हैं, सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न होने लगती है। नब्ज की गति बढ़ जाती हैं। तीव्र सिर दर्द, बदन दर्द और सम्पूर्ण शरीर में कमजोरी का एहसास होने लगता है, मन खराब होने लगता है और उल्टियां भी आ सकती हैं। शरीर में पसीना नहीं आता और त्वचा शुष्क हो जाती है । कई बार लू से पीडि़त व्यक्ति बेहोश भी हो जाते हैं।
लू से ऐसे बचा जा सकता है
गर्मी के दिनों में भूखे नहीं रहना चाहिए। जब भी घर से बाहर निकलना हो भरपेट भोजन करके निकलना चाहिए। भरपूर पानी पीना चाहिए। ग्रीष्मकाल में चूंकि पसीना अधिक आता है इसलिए शरीर का पानी अधिक मात्रा में खर्च होता है। अब यदि पानी की आपूर्ति न हो तो शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाएगा। पसीना शरीर के तापमान को नियंत्रित कर लू से बचाव करता है। इसी प्रकार शीतल जल एक अमृत पेय है। घर से निकलने से पहले खूब पानी पिएं ताकि शरीर में उसकी कमी न रहे। पानी के अतिरिक्त इस मौसम में शरबत, गन्ने का रस, लस्सी आदि का भी सेवन करना चाहिए। पानी व रेशा प्रधान तरावट देने वाले फलों का सेवन करना चाहिए । ग्रीष्मकाल में जब भी घर से बाहर निकलें, आंखों पर धूप का चश्मा लगाकर निकलें, यह धूप से राहत और आंखों को ठंडक देगा। जो लोग एयर कंडीशनर या कूलर के सामने बैठ कर काम करते हैं उन्हें एकदम ठंडे वातावरण से तेज धूप में नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इस सर्दी-गर्मी की वजह से भी लू लग सकती है।
कॉटन क्लोथ्स का करें इस्तेमाल
- धूप में निकलने से पहले पूरे शरीर को किसी कपड़े से कवर कर लें और दोपहर में सड़कों पर या खुले मैदानों में न घूमें। यदि सड़कों पर पैदल जाना है तो छाता लेकर जाएं। यदि दोपहिया वाहन चलाना हो तो सिर पर हेल्मेट या टोपी पहनें। गर्म हवा के थपेड़ों से बचने के लिए कान को कपड़े से ढंक लें।
- इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर छानकर और इस पानी में शक्कर मिलाकर पीने से लू से बचा जा सकता है।
आम का पना
- गर्मियों में कच्चे आम का शर्बत या आम का पन्ना पीना चाहिए ऐसा करने से लू से राहत मिलती है।
प्याज
- कच्चे प्याज का सेवन करने से भी लू से राहत मिलती है या खाने के साथ कच्चे प्याज का सलाद खाने से भी लू से राहत मिलती है।
लू से बचने के घरेलू नुस्खे
- धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी चीनी मिलाकर पिएं।
- बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी थोडी देर में पानी पीते रहें। घर से निकलने के पहले कुछ खाकर निकले।
- गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खीरा खाना चाहिए। इसके अलावा फलों का जूस लेना भी फायदेमंद है।
- पानी में ग्लूकोज मिलाकर पीते रहना चाहिए। इससे आपके शरीर को उर्जा मिलती है जिससे आपको थकान कम लगती है।
- लू से बचने के लिए बेल या नींबू का शर्बत भी पीया जा सकता है। यह आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
ऐसे लू का असर करें कम
- नहाने से पहले जौ के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर बॉडी पर लगाकर कुछ देर बाद ठंडे पानी से नहाने से लू का असर कम होता है
- लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए।
- लू लगने और ज्यादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं, बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता है
- लू लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं, राहत मिलेगी।
- धूप से आने के बाद थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने से लू लगने का खतरा कम होता है।