दुनिया भर में टीबी की बीमारी पर काबू पाने के लिए विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। टीबी एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जिसके मरीजों की तादाद देश और दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है। दुनिया के लगभग 30 देशों में टीबी के 86 फीसदी मरीज है जिसमें भारत, चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, पाकिस्तान, नाइजीरिया, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। टीबी की बीमारी एक ऐसी परेशानी है जो दुनिया के हर देश में हर उम्र वर्ग के लोगों में देखने को मिल रही है। कुपोषित लोग इस बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।


टीबी की बीमारी एक संक्रामक बीमारी है, जो ट्यूबरक्‍युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर देखने को मिलता है। टीब की बीमारी फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी हो सकती है। इस बीमारी के लक्षणों की समय रहते पहचान कर ली जाए तो तुरंत उसका उपचार भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि टीबी के लक्षण कौन-कौन से है और उसका उपचार कैसे करें।

टीबी के लक्षण: वजन का तेजी से कम होना, खांसी आना, बुखार, अधिक पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत होना, सीने में दर्द, मांसपेशियों को नुकसान होना शामिल है।

किन लोगों को इस बीमारी का खतरा अधिक है: एचआईवी से संक्रमित मरीजों में टीबी की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें टीबी का जीवाणु तेजी से जकड़ता है। कुपोषण के शिकार लोग तेजी से टीबी की चपेट में आते हैं। शराब और सिगरेट का सेवन करने वाले लोगों को भी टीबी की बीमारी लगने का खतरा अधिक होता है। टीबी के लक्षण दिखने पर दवाई के साथ ही डाइट पर भी ध्यान दें। डाइट में कुछ चीजों का सेवन करके आप जल्दी रिकवरी कर सकते हैं।

डाइट में दूध का करें सेवन: टीबी के मरीज डाइट में दूध को शामिल करें। कैल्शियम से भरपूर दूध इस बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल करने में असरदार होता है।

ग्रीन टी भी है असरदार: एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ग्रीन टी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करेगी, साथ ही इस बीमारी से जल्दी रिकवर होने में भी मदद करेगी। ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफेनोल टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार है।

लहसुन और पुदीना का करें सेवन: लहसुन में सल्फ्यूरिक एसिड होता है जो टीबी से लड़ने में असरदार साबित होता है। लहसुन का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है। जबकि पुदीना में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण टीबी की वजह से प्रभावित ऊतकों के उपचार में मददगार साबित होता है।

आंवला का करें सेवन: आंवला का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है। स्ट्रॉन्ग इम्युनिटी बैक्टीरिया से लड़ने के लिए प्रभावकारी मानी जाती है।

काली मिर्च भी है असरदार: टीबी की बीमारी से बचाव करने के लिए काली मिर्च का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। काली मिर्च फेफड़ों को साफ करती है और बलगम को कम करती है।

टीबी के मरीज रखें इन बातों का ध्यान
खांसते, छींकते समय अपना मुंह ढक कर रखें।
खांसने या छीकने में इस्तेमाल होने वाला टिश्यू पेपर पैक करके कूड़ेदान में डालें ताकि इस बीमारी के फैलने का खतरा कम रहे।
फ्रेश हवादार घर में रहें। जहां तक हो सके घर के दरवाजे और खिड़कियां खुले रखें।