देशभर के ट्रेड यूनियनों ने 28 और 29 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। 22 मार्च 2022 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की बैठक के बाद देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया था। विभिन्न राज्यों में तैयारियों का जायजा लेने के बाद यूनियनों ने कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी, जनता विरोधी और देश विरोधी नीतियों के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान कर दिया।


इस बंद को राजनीतिक दलों का समर्थन भी मिल गया है। बंगाल में वामपंथी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है। बंगाल सरकार ने भी बंद को लेकर कुछ निर्देश जारी किए हैं।

बैंक यूनियनों ने इस भारत बंद और हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। ऑल इंडिया बैंक एंप्लायीज एसोसिएशन ने इस हड़ताल का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग कानून अधिनियम 2021 को लेकर वो विरोध प्रदर्शन करेंगे। स्टेट बैंक ने ग्राहकों को सूचना दी है कि बैंकिंग सेवाएं 28-29 मार्च को प्रभावित रहेंगी। 

सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के ज्वाइंट फोरम ने सोमवार और मंगलवार को सरकार की नीतियों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। 

रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी इस भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। यह भी कहा जा रहा है कि बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी इस हड़ताल का हिस्सा होंगे। 

ट्रेड यूनियनों ने कोयला, स्टील, ऑयल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्रों को इस हड़ताल की सूचना देने वाला नोटिस भेजा है। दावा किया जा रहा है कि केंद्र वाली भाजपा सरकार अपनी नीतियों से कामगार वर्ग को परेशान कर रही है।