मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थोड़ी देर में बाराबंकी में जनसभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके आने से पहले ही क्षेत्र के किसानों ने जनसभा स्थल के पास हजारों गाय, बैल और सांडों को छोड़ दिया है। किसानों का कहना है कि सीएम को भी पता चलना चाहिए गाय-सांड से हमें कितनी समस्या होती है। किसान गो-वंश को गांव से हांककर जनसभा स्थल तक ले आए हैं।

वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि सीएम की जनसभा में कोई दिक्कत न हो, इसकी पूरी तैयारी है। इन जानवरों को यहां से हटाया जाएगा। किसानों से बात की जा रही है। हालांकि 4 बजे से होने वाली सभा में सीएम अभी तक नहीं पहुंचे हैं। अभी भी उनका इंतजार हो रहा है। माना जा रहा है कि जानवरों की वजह से ही उनके कार्यक्रम को पीछे हटाया गया है।

जानवरों से किसानों की फसलों को हो रहा नुकसान
बता दें कि, इस समय प्रदेश में आवारा छुट्टा जानवर बड़ी परेशानी का सबब हैं। इसके चलते सड़कों पर जगह-जगह आवारा छुट्टे जानवरों का झुंड देखने को मिलता है। सबसे ज्यादा इन जानवरों से किसान परेशान हैं। ये बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें लगातार बर्बाद कर रहे हैं। इसी बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा बाराबंकी में आयोजित की गई है। जनसभा स्थल पर किसानों ने दर्जनों आवारा छुट्टे जानवर खदेड़ कर पहुंचा दिए हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

किसान गांव और अपने खेतों से खदेड़कर रैली स्थल तक लेकर आए।
किसान गांव और अपने खेतों से खदेड़कर रैली स्थल तक लेकर आए।

किसानों के विरोध का ये तरीका है अलग
सीएम बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा पर आज की जनसभा कर रहे हैं। गौरा सैलक गांव के पास मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा है। इसका समय 4 बजे था, लेकिन अभी सीएम पहुंचे नहीं हैं। जनसभा स्थल पर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इन्ही तैयारियों के बीच किसानों ने जनसभा स्थल पर दर्जनों आवारा छुट्टा जानवर खदेड़ कर पहुंचा दिया है। किसानों के विरोध का ये तरीका एकदम अलग है।

सीएम के आने की तैयारियां पूरी हुईं।

चुनाव के चौथे चरण में आवारा पशु बड़ा मुद्दा

UP की सड़कों पर आवारा पशुओं की तादाद बढ़ती गई। 2019 में जारी हुई पशु गणना की रिपोर्ट में मवेशियों की आबादी में 17% की बढ़ोतरी हुई थी। जबकि देश में आवारा पशुओं की संख्या में गिरावट हुई थी। यूपी में आवारा पशुओं की बढ़ोत्तरी का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। चुनावी एक्सपर्ट के मुताबिक चौथे चरण की 60 सीटों में कम से कम 50 पर इस बार सांड बड़ा मुद्दा है। ऐसा योगी सरकार में गोवंश को मिले संरक्षण में इनकी तादाद बढ़ने की वजह से हुआ है। वहीं, भूख शांत करने के लिए ये फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।