सनातनी परंपरा में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. ज्योतिष में जिन 12 राशियों का वर्णन है उनमें से चार राशियां ऐसी हैं जिन पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है. ये राशियां हैं वृष, कर्क, सिंह और तुला राशि. इन राशि वालों को गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा- अर्चना करनी चाहिए.
सूर्य देव को कहते हैं सूर्य नारायण
विशेष तौर पर बिहार राज्य में जो लोग इन राशि के हैं उन्हें बृहस्पति भगवान की पूजा करनी ही चाहिए. यही वजह है कि राज्य में हर एकादशी और गुरुवार का व्रत करने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या है. गुरुवार व्रत का चलन भारत के इस पूर्वी राज्य में अधिक दिखता है. दरअसल पूर्व दिशा सूर्य के उदय होने की दिशा है. कर्क, सिंह और तुला वे राशियां जो सूर्य संक्रांति के लिए अवसर बनाती हैं. जिन लोगों को सूर्य देव की कृपा प्राप्त करनी हो वह विष्णु भगवान की पूजा करते हैं. क्योंकि भगवान विष्णु ने सूर्य देव को वरदान दिया है कि जो उनको स्मरण करेगा वह अनायास ही मेरा स्मरण करेगा. इसलिए सूर्य देव को सूर्य नारायण कहा जाता है.
ऐसे करनी चाहिए भगवान विष्णु की पूजा
भगवान विष्णु की पूजा करना सरल है. सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें. भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें. इस दिन व्रत भी जरूर रखें. भगवान की आरती करें. भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें.