कोरोना वायरस (Coronavirus) मरीजों के दिमाग पर भी गंभीर असर डाल रहा है. इस बात के संकेत हाल ही में हुई स्टडी में मिली है. पता चला है कि हल्की बीमारी का सामना कर रहे कोविड मरीज अभी भी ‘ब्रेन फॉग’ का सामना कर सकते हैं, जो 9 महीनों तक बना रह सकता है. हालांकि, जानकार यह जानते हैं कि लॉन्ग कोविड का शिकार हुए मरीज ध्यान रखने में मुश्किलों का सामना कर सकते हैं.
डेली मेल के मुताबिक, ब्रेन कम्युनिकेशन्स जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, 135 लोगों का विश्लेषण किया गया था. स्टडी के दौरान इन सभी लोगों को दिमाग से जुड़े 12 ‘ब्रेन गेम्स’ में शामिल किया गया. 40 फीसदी लोगों ने बताया कि वे कोविड संक्रमित हो चुके हैं. संक्रमित हो चुके लोगों में से 7 ने गंभीर लक्षणों का सामना किया था. वहीं, दो लोगों ने बताया कि उन्हें लॉन्ग कोविड हुआ था. जबकि, अन्य लोगों ने कहा कि उन्हें थकान, सांस लेने में परेशानी, दर्द समेत लॉन्ग कोविड से जुड़ी अन्य परेशानियां नहीं हुईं.
स्टडी के दौरान आए नतीजों की तुलना कंट्रोल ग्रुप से की गई. जानकारों का कहना है कि कोविड समूह ने शॉर्ट टर्म मैमोरी वर्किंग और प्लानिंग यानि योजना के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन पिछली घटनाओं की याद और समय पर ध्यान बनाए रखने के मामले में उनका स्कोर काफी खराब रहा. कोविड का शिकार हो चुके लोगों ने पाया कि एक ‘ब्रेन गेम’ में उनकी एक्युरेसी तीन मिनट के भीतर 75.5 फीसदी से घटकर 67.8 प्रतिशत पर आ गई. वहीं, संक्रमित नहीं होने वाले लोगों में यह आंकड़ा 78.5 प्रतिशत से 75.4 प्रतिशत पर आ गया.