देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. देश में पिछले 24 घंटे में 2.80 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं. कोरोना के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए लक्षणों के आधार पर कोविड-19 संक्रमितों को होम आइसोलेशन या क्वारंटाइन की सलाह दी जा रही है. देश में ओमिक्रॉन के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिनसे सुरक्षित रहने के लिए गाइडलाइन फॉलो करने को कहा गया है. इस वायरस को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च और स्टडी में लगे हुए हैं. हाल ही में एक स्टडी में पाया गया है कि कुछ कोरोना पॉजिटिव 10 दिन बाद तक संक्रमण फैला सकते हैं. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में पब्लिश हुई इस रिसर्च के मुताबिक, 10 दिन के क्वारंटाइन अवधि के बाद भी 10 में से 1 व्यक्ति COVID-19 वायरस फैला सकता है.
क्या कहा गया है रिसर्च में

इस रिसर्च में 176 ऐसे लोग शामिल हुए थे, जिन लोगों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था. यूनिवर्सिटी ऑफ एक्जीटर के शोधकर्ताओं ने पाया कि 176 लोगों में से 13 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनमें 10 दिन बाद भी वायरस एक्टिव था. यानी कि वे लोग 10 दिन बाद भी संक्रामक थे और दूसरों तक वायरस फैला सकते थे. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कुछ लोगों में यह वायरस 68 दिन तक भी एक्टिव था.
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर लोर्ना हैरिस ने कहा, हालांकि यह एक अपेक्षाकृत छोटी स्टडी है, लेकिन परिणाम बताते हैं कि संभावित रूप से लोगों में यह एक्टिव वायरस कभी-कभी 10 दिनों से अधिक समय तक भी बना रह सकता है, जिससे इस वायरस के आगे फैलने का जोखिम बना रहता है. उनका मानना है कि इस नए परीक्षण को उन हालातों में लागू किया जाना चाहिए, जहां लोग सुरक्षित नहीं हैं, ताकि वहां COVID-19 के प्रसार को रोका जा सके.
वायरस एक्टिव होने का पता नहीं लगाता टेस्ट

पारंपरिक पीसीआर या RT-PCR टेस्ट शरीर में वायरस की उपस्थिति तो बता सकता है, लेकिन यह पता नहीं लगा सकता कि यह वायरस अभी भी एक्टिव है और व्यक्ति संक्रामक हो सकता है. जबकि हमारी स्टडी में जो टेस्ट किया गया है, वो तभी पॉजिटिव रिजल्ट देता है जब वायरस शरीर में एक्टिव होता है और दूसरों तक फैलने में सक्षम होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल के प्रमुख लेखक मर्लिन डेविस ने कहा, बीमारी के बाद घर में लौटने वाले लोगों से स्वास्थ्य जोखिम का अधिक खतरा हो सकता है.
रखें यह सावधानी
अगर घर में कोई कोविड पॉजिटिव है तो उसे डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही आइसोलेशन से बाहर आना चाहिए. अगर उसे रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो भी डॉक्टर को बताएं, ताकि वह लक्षणों के आधार पर इलाज कर सके. इसके अलावा लक्षण न दिखने पर और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी घर में कुछ दिन मास्क लगाकर रखें. साथ ही साथ स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताए गए दिशा-निर्देशों का भी पालन करें.