दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को दिनेश यादव (फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में हुए हिंसक दंगों के सिलसिले में दोषी ठहराए गए पहले व्यक्ति) को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है। दिनेश यादव दंगों के सिलसिले में सजा पाने वाले पहले व्यक्ति भी हैं।

दिनेश यादव को पिछले महीने एक गैरकानूनी सभा का सदस्य होने, दंगा करने, 73 वर्षीय एक महिला के घर को लूटने और जलाने में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था। उसके अपराधों के लिए अधिकतम सजा 10 साल की जेल है।

अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि दिनेश यादव “दंगाइयों की भीड़ का सक्रिय सदस्य” था और उसने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में भागीरथी विहार में महिला के घर में तोड़फोड़ व आग लगाने में भूमिका निभाई।

मनोरी के रूप में पहचानी जाने वाली बुजुर्ग महिला ने कहा था कि लगभग 150 से 200 दंगाइयों की भीड़ ने 25 फरवरी को उसके घर पर हमला किया था और कई कीमती सामान लूट लिए। उसने अदालत को बताया कि कैसे उसे अपनी जान बचाने के लिए अपने घर की छत से कूदने के लिए मजबूर किया गया था और उसे पड़ोसी के घर में छिपना पड़ा, जबकि उसके परिवार ने उसे बचाने के लिए पुलिस को बुलाया।