केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में बेहद अहम कदम उठाया है. सरकार साल 2019 में लाए गए व्यक्तिगत डेटा सुरक्षित बिल (Personal Date Protection Bill) को वापस ले लिया है. भारत सरकार ने साल 2019 में लोकसभा (Loksabha) में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (PDP Bill) 2019 पेश किया था.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पर विचार करते हुए एक व्यापक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है. इसके बाद नए विधेयक का रास्ता साफ होगा. लोकसभा की 3 अगस्त 2022 की सप्लीमेंट्री बिजनेस लिस्ट में वापिस लिए जाने वाले बिल में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का भी नाम था.
81 संशोधन और 12 सिफारिशों के बाद लिया फैसला
इसमें लिखा गया था कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव लोकसभा में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर लाए गए बिल को वापस लेने के प्रस्ताव को रखेंगे. हालांकि अभी सरकार की तरफ से सार्वजनिक रूप से बिल को वापस लेने का कारण नही बताया गया है. एक बयान में कहा गया है कि पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल,2019 पर संसद की संयुक्त समिति ने विस्तार से विचार विमर्श करके डिजिटल इकोसिस्टम पर बड़े कानूनी ढांचे की दिशा में 81 संशोधन प्रस्तावित किए और 12 सिफारिशें की गईं.
नया विधेयक पेश करने का प्रस्ताव
इसी बयान में आगे कहा गया है कि जेसीपी की रिपोर्ट (JCP Report) को ध्यान में रखते हुए एक कानूनी ढांचे पर काम किया जा रहा है. इसलिए, परिस्थितियों को देखते हुए व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (PDP Bill), 2019 को वापस लेने और एक नया विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है, जो कानूनी ढंग से फिट बैठता है.