एमपी के सीहोर जिले में ईओडब्ल्यू की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के लिपिक कृष्ण वल्लभ वर्मा के घर पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान टीम को उसके बाद बेशुमार दौलत (Immense wealth with clerk in mp) होने की जानकारी मिली है। उसकी संपत्ति का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ईओडब्ल्यू ने उसके सीहोर और बैतूल स्थित क्वार्टर से 45 लाख रुपये कैश बरामद (health department clerk turns crorepati) किया है। साथ ही लाखों की संपत्ति बैंक में जमा है। सीहोर के पॉश इलाके में मकान और प्लैट है। ये सारी चीजें 45 हजार की नौकरी से संभव नहीं है। उसने सारी अवैध संपत्ति पत्नी के नाम पर खरीदी है।



घर से 45 लाख रुपये मिले कैश

स्वास्थ्य विभाग में लिपिक के पद पर पदस्थ केबी वर्मा के घर से ईओडब्ल्यू की टीम ने 45 लाख रुपया कैश बरामद किया है। 38 लाख के करीब कैश सीहोर स्थित घर से मिले हैं। वहीं, छह लाख के करीब बैतूल स्थित सरकारी आवास से मिला है। ईओडब्ल्यू की टीम अब यह जांच कर रही है कि इस क्लर्क के पास इतने कैश कहां से आए। क्लर्क के पास कोई कारोबार भी नहीं है।

सीहोर में करोड़ों की संपत्ति

केबी वर्मा 2017 में हुए औषधि खरीदी घोटाले मामले में क्लर्क मुख्य आरोपी है। इसके पास सीहोर में ही करोड़ों की संपत्ति है। सीहोर के दांगी एस्टेट में केबी वर्मा का तीन मंजिला मकान है। इसके साथ ही सीहोर शहर में केबी वर्मा का फ्लैट भी है। फ्लैट के साथ-साथ कई प्लॉट के दस्तावेज भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि सीहरो में वर्मा के पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति है।

इस क्लर्क के छह बैंक खातों में 23 लाख रुपये जमा है। साथ ही उसके घर से साढ़े आठ लाख रुपये के जेवरात मिले हैं। वहीं, निवेश संबंधित कई दस्तावेज भी मिले हैं। वर्मा विभाग में कई वर्षों से औषधि खरीदी क्लर्क के पद पर पदस्थ रहा है। कहा जाता है कि इसी दौरान उसने जमकर भ्रष्टाचार किया है।

वहीं, वर्मा के पास इतनी संपत्ति है कि उसकी बेटी रूस में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है। बताया जाता है कि उसका खर्च भी लाखों रुपये में है। साथ ही बेटा असम स्थित एक कॉलेज से बीटेक कर रहा है। ईओडब्ल्यू की टीम सारी संपत्तियों की जांच कर रही है कि आखिरी वर्मा ने इतनी कमाई कैसे की है।