दिल्ली में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) का ऐलान किया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने इसकी इजाजत नहीं दी है. इसे देखते हुए पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति है. किसान शनिवार से ही दिल्ली पहुंच रहे हैं, जबकि पुलिस राजधानी के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है. हालांकि, जो किसान पहले से राजधानी पहुंच चुके हैं, उन्हें जंतर मंतर (Jantar-Mantar) पर आने की इजाजत होगी, लेकिन यहां भारी संख्या में किसानों के आने पर रोक होगी. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत को हिरासत में लिए जाने की खबर है. 10 पॉइंट्स में समझिए कि पूरा मामला क्या है….



  • संयुक्त किसान मोर्चा ने आज जंतर-मंतर पर महापंचायत का ऐलान किया है लेकिन दिल्ली पुलिस ने किसानों को जंतर-मंतर पर महापंचायत करने की अनुमति नहीं दी है. अभी यह तय नहीं है कि किसानों का क्या रुख रहेगा.
  • शनिवार से ही दिल्ली में भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं. उन्हें कई जगहों पर दिल्ली में प्रवेश के दौरान रोका गया. इसके बावजूद कई किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. पुलिस का कहना है कि जो किसान अंदर आ चुके हैं वे जंतर-मंतर पर जा सकते हैं, लेकिन यहां ज्यादा संख्या में किसानों के जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • जंतर-मंतर पर जा रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थकों को भी गाजीपुर बार्डर पार करते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है. करीब दो घंटे हिरासत में रखने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश की सीमा में उन्हें छोड़ दिया गया.
  • हिरासत में लिए जाने पर नाराजगी जताते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस अपराधी की तरह उन्हें थाने ले गई. ऐसा लग रहा है कि किसानों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित है. रोजगार सम्मेलन के लिए बहुत से लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका साथ देने पर पुलिस ने उन्हें गुनहगार बना दिया.
  • पूरी दिल्ली में पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. पुलिस किसानों को बॉर्डर पर रोकने की कोशिश कर रही है. एसीपी के निगरानी में कई निरीक्षकों की टीम को तैनात कर दिया गया है. सीसीटीवी कैमरे से बार्डर की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. बॉर्डर के पास सड़क के किनारे बेरिकेड और कंक्रीट के ढांचे रखवाए गए हैं.  पूरी दिल्ली पुलिस को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.
  • किसान नेताओं ने महापंचायत के लिए ट्रैफिक पुलिस से अनुमति नहीं मांगी है. इसके बावजूद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को आशंका है कि काफी संख्या करीब चार से पांच हजार की संख्या में किसान जंतर-मंतर आ सकते हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के नई दिल्ली जिले के डीसीपी आलाप पटेल ने बताया कि महापंचायत के चलते टॉलस्टॉय मार्ग, संसद मार्ग, बाहरी सर्किल कनॉट प्लेस से बिंडसर प्लेस तक जनपथ, बाहरी सर्किल कनॉट प्लेस, अशोक रोड, बाबा खड़क सिंह मार्ग व पंडित पंत मार्ग पर ट्रैफिक सुबह 10 से लेकर देर शाम तक भारी रह सकता है.
  • बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि महापंचायत को देखते हुए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आने की कोशिश करेंगे. ऐसे में वे दिल्ली में प्रवेश के लिए टीकरी और सिघु बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं.दिल्ली के अन्य बॉर्डर गाजीपुर, महाराजपुर, अप्सरा बॉर्डर, चिल्ला और भोपुरा बॉर्डर पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है.
  • किसान महापंचायत में किसानों की विभिन्न मांगे हैं. किसान लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ की मांग करने वाले हैं. इसके अलावा जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
  • इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपीी की गारंटी का कानून बनाया जाने की भी मांग कर रहे हैं. वहीं देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया करने, बिजली बिल 2022 रद्द करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाने और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग के लिए किसान महापंचायत का आह्वान किया है.
  • किसानों का कहना है कि वे पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक का कहना है कि यदि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी.