उत्तर प्रदेश में शादी से इनकार का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां दुल्हन को दूल्हे का रंग पसंद नहीं आया तो उसे शादी से ही इनकार कर दिया. असल में दुल्हन ने शादी से इनकार इसलिए कर दिया, क्योंकि दूल्हे का रंग काला था. यही वजह है कि दुल्हन के इस कदम के बाद बारात बैरंग लौट गई. बताया जाता है कि शादी से पहले लड़की को जिसकी तस्वीर दिखाई गई थी, लड़का वह नहीं था. उसकी जगह दूसरा लड़का शादी करने आया था, इस वजह से लड़की ने शादी से इनकार कर बारात को वापस लौटाना ही मुनासिब समझा.

दरअसल, यह मामला उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के भर्थना इलाके के नगला बाग का है, जहां पर बलराम यादव की बेटी नीतू का विवाह उसराहिर इलाके में जाफरपुर के रवि यादव के साथ तय हुआ था. बारात बुधवार देर शाम अपने निर्धारित समय पर ग्राम नगला बाग पहुंच गई, जहां पर लड़की पक्ष वालों ने जमकर लड़के पक्ष वालों का आदर सत्कार किया. वर पक्ष बारात लेकर बुधवार को नगला बाग पहुंचा, जहां शादी की रस्में बैंड-बाजों के साथ पूरी की गईं. जब दूल्हा फेरों के लिए मंडप में पहुंचा तो वधू को भी मंडप में लाया गया. इसके बाद जब फेरे पडऩे लगे तो दो फेरों के बाद लड़की ने अचानक शादी से इनकार कर दिया और मंडप से उठ कर चली गई.



शादी से दुल्हन के इनकार करते ही वर पक्ष में भगदड़ मच गई और बारात में शामिल गांव के वृद्धजन सहित अन्य लोग दुल्हन को समझाने में जुट गए, मगर दुल्हन नहीं मानी. दुल्हन की मां मीना देवी ने बताया कि नीतू के लिए जिस लड़के की तस्वीर शादी से पहले भेजी गयी थी, वह लड़का नहीं था. दूल्हा कोई और लड़का था. इसलिए नीतू ने शादी करने से इनकार कर दिया.


शादी से इनकार करने वाली नीतू ने बताया कि तस्वीर में दिखाए गये दूल्हे का रंग साफ था. जबकि जिससे शादी कराई जा रही थी, उसका रंग बहुत काला था, इसलिए शादी करने से इनकार कर दिया. वर और वधु पक्ष में 6 घंटे तक चली समझौता की पहल रंग ना ला सकी और बारात बगैर दुल्हन को लिए अपने गांव वापस लौट गई. इधर लड़के पक्ष की ओर से दूल्हा के पिता ने लड़की के पिता पर आरोप लगाते हुए थाना पुलिस को एक प्रार्थना पत्र सौंपा है और कहा कि बुधवार की रात शादी की सारी रश्म होने के बाद शादी करने से इनकार कर दिया, जबकि शादी में दी हुई सोने-चांदी के आभूषण दुल्हन के पास ही रह गए.