बिहार में 'अग्निपथ' को लेकर पिछले चार दिनों से उपद्रव जारी है। बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास पर हमला और आगजनी की गई है। उप मुख्यमंत्री रेणु देवी समेत चार विधायकों के आवास को निशाना बनाया गया। यही कारण है कि बीजेपी के नेता अब खुलकर कह रहे हैं कि नीतीश की पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं है। चार दिनों से पुलिस-प्रशासन मौन है और प्रदर्शनकारी उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं।



बिहार बीजेपी के मुखिया संजय जायसवाल ने तो यहा तक कह दिया बिहार में चार दिनों से जारी हंगामे के दौरान प्रशासन की भूमिका अच्छी नहीं रही। कहीं लाठीचार्ज नहीं किया गया। कहीं भी आंसू गैस नहीं चलाए गए। पुलिस-प्रशासन एक्टिव नहीं है। यानी कि इस पूरे प्रकरण में बिहार बीजेपी के नेता भगवान भरोसे रहे। बिहार की पुलिस से बीजेपी नेताओं को विश्वास खत्म होने लगा। बीजेपी नेताओं को असुरक्षित देख गृह मंत्रालय सक्रिय हुई। बिहार बीजेपी के आक्रामक नेताओं को केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराई है।

शनिवार को केंद्रीय बलों के जिम्मे बिहार बीजेपी के नेताओं की सुरक्षा दे दी गई है। बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बीजेपी के आक्रामक विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल, दरभंगा से विधायक संजय सरावगी, दीघा से विधायक संजीव चौरसिया की सुरक्षा में 12 CRPF जवान को लगाया गया है। डेप्युटी सीएम रेणु देवी की सुरक्षा में भी सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने बताया कि हमें सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है। कुल 12 जवान सुरक्षा में तैनात किये गये हैं।

वहीं दरभंगा से विधायक संजय सरावगी ने भी इसकी पुष्टि की है। यह सीआरपीएफ की वाई श्रेणी का सुरक्षा घेरा है। अग्निपथ के विरोध में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास पर हमला और आगजनी की गई थी। डिप्टी सीएम रेणु देवी समेत चार विधायकों के आवास को निशाना बनाया गया था। बीजेपी विधायक विनय बिहारी पर जानलेवा हमला किया गया। बिहार पुलिस की मौजूदगी में 4 जिलों में बीजेपी के दफ्तर को उपद्रवियों ने फूंक दिया। कई रेलवे स्टेशन व ट्रेनों को आगे के हवाले कर दिया। उसके बाद यह फैसला लिया गया है।