लालबाग थाना क्षेत्र के ग्राम करमतरा में मंगलवार शाम को पति-पत्नी और उनके दो बच्चों की मौत के मामले ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। बुधवार को पीएम के बाद जब देर शाम को दो मासूम बच्चों के साथ पति-पत्नी का शव गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। देर शाम स्थानीय मुक्तिधाम में सभी का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद अधिकतर घरों में शाम को लोग खाना नहीं बनाए। घरों में बच्चों के लिए ही खाना बना।

एक ही परिवार के चार लोगों ने की सामूहिक आत्महत्या, पिता ने फांसी लगाई, मां दो बच्चों को लेकर कुएं में कूदी, गांव में नहीं जला चूल्हा
एक ही परिवार के चार लोगों ने की सामूहिक आत्महत्या, पिता ने फांसी लगाई, मां दो बच्चों को लेकर कुएं में कूदी, गांव में नहीं जला चूल्हा
मंगलवार को करमतरा निवासी 35 वर्षीय डोमन लाल साहू का शव फंदे पर लटके मिला, तो वहीं उनकी 27 वर्षीय पत्नी वेदिका बाई साहू और तीन वर्षीय बेटी काव्या और दो वर्षीय बेटा पीयूष का शव कुएं में मिला था। यह पूरी घटना मंगलवार शाम 5 बजे की बताई गई है। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक डोमन का परिवार अपने छोटे भाई के परिवार व माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से रहते थे।
घटना के समय छोटे भाई का परिवार व माता-पिता सभी खेतों में काम करने गए थे। जब वे लौटे तो पीयूष का शव कुएं में तैरते मिला। इसके बाद सभी की खोजबीन शुरू की गई, तो डोमन का शव उनके निवास स्थान से दो सौ मीटर दूर दूसरे मकान में फंदे पर लटके मिला। कुएं में खोजबीन के बाद पत्नी वेदिका व उनकी बेटी का शव भी बरामद हुआ था। सूचना के बाद लालबाग पुलिस सहित पुलिस के आला अधिकारी व प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और देर रात तक जांच करते रही। वहीं फॉरेंसिक जांच व डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर रही।
आंखों से बह रहा आंसू
ग्रामीणों ने बताया कि डोमन की 2016 में ही शादी हुई थी। वह सीधा-साधा था। परिवार में माता चम्पी बाई व पिता हेमनाथ साहू व छोटे भाई मनीराम साहू व उसकी पत्नी सहित एक साथ संयुक्त परिवार में रहते थे। इन सभी लोगों का मंगलवार शाम से रो-रोकर बुरा हाल है। अब उनकी आंखे सूख चुकी हैं। वेदिका के माइके वालों का भी बुरा हाल है।
परिजन नहीं बता पा रहे क्यों उठाया ये कदम
उनके छोट भाई मनीराम ने बताया कि सभी खुशी से एक साथ रहते थे। कभी विवाद नहीं हुआ। फिर भी ऐसे कैसे कदम उठा लिया। समझ से परे है। डोमन साहू के ससुराल पक्ष वाले भी इस घटना से स्तब्ध हैं। समझ से परे है, क्योंकि उसकी बेटी वेदिका ने कभी कुछ परेशान होने वाली बात नहीं बताई थी।
गांव में नहीं जला चूल्हा
आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि किस वजह से दंपती ने ऐसा कदम उठाया यह कहना मुश्किल है। क्योंकि दोनों के बीच कभी कोई विवाद होते नहीं सुने या देखे हैं। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव के लोगों को झकझोर दिया है। बुधवार शाम को सभी का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद अधिकतर घरों में शाम को लोग खाना नहीं बनाए। बच्चों के लिए ही खाना बना। टीआई लालबाग शिवेंद्र राजपूत ने बताया कि अब तक इस पूरे घटनाक्रम के पीछे की थ्योरी का खुलासा नहीं हुआ है। बुधवार को पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। परिजनों से अभी बयान नहीं हुआ है। पीएम रिपोर्ट में कुछ खुलासा होने की उम्मीद है।