उत्तर प्रदेश के जिले जौनपुर में एक पिता ने अपने ही बेटे को कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी। ऐसा करने से पिता की रूह भी नहीं कांपी कि जिसको उन्होंने बचपन से इतना बड़ा किया, आज उसी को अपने हाथों से मार कर मौत के घाट उतार दिया। शहर के जफराबाद इलाके के उतरगावा गांव में शनिवार की देर रात तीस वर्षीय बेटे को पिता ने कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी। बेटे की हत्या करने के बाद मौके से फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया।



छोटी बहन की शादी के लिए आया था घर
पुलिस ने रविवार की सुबह पिता को कुल्हाड़ी के साथ गांव के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। हत्या करने के कारण के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है। जिसमें सामने आया कि पिता और बेटे की खाने के दौरान विवाद हुआ था, तब बेटे ने पिता को डांट दिया था। इसी से आहत होकर पिता ने अपने ही बेटे की बेहरमी से हत्या कर दी। गांव के निवासी राजमन तीस वर्षीय अपने तीन भाईयों तथा दो बहनों में सबसे बड़ा था। वह दिल्ली में रहकर कमाई करके घर खर्च चलाता था। बीते दिन अपनी छोटी बहन रेशम की शादी के लिए दिल्ली से घर आया था।

पिता ने सोने के दौरान किया था बेटे पर हमला
चार जून को बड़े धूमधाम के साथ राजमन अपनी छोटी बहन की शादी को संपन्न कराया था। 15 जून को पत्नी दो छोटे बच्चों को साथ लेकर वापस दिल्ली जाने वाला था। लेकिन शनिवार को रात करीब 12 बजे राजमन अपने घर के बाहर चारपाई पर सोया हुआ था। सभी लोग गहरी नींद में थे। तभी उसका पिता इंद्रजीत हाथ पर कुल्हाड़ी लेकर राजमन के पास पहुंचा और गर्दन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। हमले के दौरान एक ही वार में आधा से ज्यादा गर्दन का धड़ से अलग हो गया। राजमन चारपाई में ही छटपटाने लगा।

गांव के बाहर एक नाले के पास मिला पिता
राजमन के पास सो रहे उसकी पत्नी और छोटे भाइयों ने अपने पिता इंद्रजीत को कुल्हाड़ी से मारते हुए देखा तो जोर-जोर से चिल्लाने लगे। उसके बाद वह मौके पर फरार हो गया। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी और घायल राजमन को अस्पताल लेकर भागे। लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर हत्यारे पिता की तलाश में जुट गई। रविवार की सुबह घर से दूर गांव के बाहर एक सुनसान इलाके में स्थिति नाले के पास से पिता को दबोच लिया गया।

क्रोध में पिता ने उठाया था ऐसा कदम
जानकारी के अनुसार पिता, दो बहन और दो छोटे भाई के साथ पूरे घर की जिम्मेदारी राजमन पर ही थी। दिल्ली में अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहकर  मेहनत करके पूरे घर का खर्च चलाता था। थानाध्यक्ष राजाराम द्विवेदी ने बताया कि शनिवार को शाम खाना खाने को लेकर पिता पुत्र में झगड़ा हुआ था। राजमान ने पिता को डांट लगाई थी। उक्त डांट से क्षुब्ध पिता ने अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए रात में शराब के नशे में कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दिया। इसलिए कहा जाता है कि गुस्सा सबसे बड़ा दुश्मन होता है और इसी क्रोध ने अपने ही बेटे की हत्या करवा दी।