पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टमाइंड साजिद मीर को हिरासत में लिया है। एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल साजिद मीर पर हमले को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। यह वही साजिद मीर है, जिसकी मौजूदगी से पाकिस्तान ने हमेशा इनकार किया है। पाकिस्तानी सरकार ने तो यहां तक दावा किया था कि साजिद मीर की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि साजिद मीर की हिरासत से पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर अपने दाग लगे दामन को पाक साफ करना चाहता है।



निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मीर पाकिस्तान में जिंदा है, हिरासत में है और उसे सजा सुनाई गई है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य पूर्व पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत और अमेरिका दोनों को बताया था कि साजिद मीर नामक एक व्यक्ति, जो मुंबई हमलों के सिलसिले में वांछित था वह या तो मर गया या फिर उसके ठिकाने का पता नहीं चल पा रहा।

साजिद मीर पर एफबीआई ने 5 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। अमेरिका और भारत इस आतंकी को पिछले एक दशक से खोज रहे हैं। साजिद मीर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। इसने डेविड कोलमैन हेडली समेत बाकी आतंकवादियों के साथ मुंबई में आतंकवादी हमला करने की प्लानिंग की थी। इसे लश्कर सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का भी करीबी माना जाता है।

पाकिस्तान साजिद मीर की गिरफ्तारी से दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहा है। इस गिरफ्तारी को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की प्लानिंग कहा जा रहा है। पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है। इस बार जर्मनी में हुई बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान का ग्राउंड वेरिफिकेशन कर उसे ग्रे लिस्ट से बाहर करने पर फैसला सुनाएगी। ऐसे में पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ खुलकर काम कर रहा है।

साजिद मीर 2010 तक लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन्स चीफ जकी-उर-रहमान लखवी की सिक्यॉरिटी का जिम्मा संभालता था। वह विदेश में न सिर्फ आतंकियों को रिक्रूट करता था बल्कि पाकिस्तान में टेरर कैंप चलाता था और ISI के इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेशन का भी हिस्सा था, जिसे कराची प्रॉजेक्ट कहा जाता था।