कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। कई राज्यों में अब भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। यहां रोजाना नए मामलों में अच्छा खासा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इन सबके बीच एक राहत की खबर भी सामने आई है। दरअसल भारत में जानवरों में कोरोना से बचाव के लिए टीका लॉन्च किया गया है। यानी अब जानवरों में हो रहे कोरोना संक्रमण को भी वैक्सीन के जरिए रोका जा सकेगा। दरअसल पिछले कुछ वक्त से जानवरों में भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैलने की खबरों ने चिंता बढ़ा दी है। अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानवरों के लिए विकसित किए गए देश के पहले कोविड रोधी टीके ‘एनोकोवैक्स’ को जारी किया है।



कहां विकसित हुआ है टीका?
जानवरों को कोरोना से बचाव का यह टीका दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा में विकसित किया गया है। हरियाणा की आईसीएआर-नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्विन्स (एनआरसी) ने इस टीके को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है।

डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वैरिएंट पर असरकार
आईसीएआर ने कहा कि, एनोकोवैक्स जानवरों के लिए एक निष्क्रिय सार्स-कोव-2 डेल्टा (कोविड-19) टीका है और एनोकोवैक्स से मिलने वाली प्रतिरक्षा सार्स-कोव-2 के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों स्वरूपों को बेअसर करती है।

इन जानवरों के लिए सबसे सुरक्षित
आईसीएसआर के मुताबिक, वैक्सीन में निष्क्रिय सार्स-कोव-2 (डेल्टा) एंटीजन हैं। इसमें अलहाइड्रोजेल एक सहायक के रूप में है। ऐसे में ये वैक्सीन जिन जानवरों को लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है उनमें कुत्ते, शेर, तेंदुआ, चूहे और खरगोशों प्रमुख रूप से शामिल हैं।
एलिसा किट लगाएगी एंटीबॉडी का पता
कोरोना वैक्सीन के अलावा कृषि मंत्री ने कुत्ते में सार्स-कोव-2 के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए कैन-कोव-2 एलिसा किट भी लांच किया। ये किट खास तौर पर न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन आधारित एलिसा किट है।

इस किट को भी भारत में ही तैयार किया गया है। इसके लिए एक पेटेंट दायर किया गया है। बता दें कि, आईसीएआर देश का प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान है जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।