वजीराबाद में यमुना के जलस्तर में अभी कोई सुधार नहीं हुआ है। इस बीच अब मूनक नहर व दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) नहर में पानी कम आने से जल बोर्ड के सात जल शोधन संयंत्रों से पानी आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस वजह से दिल्ली में 75 एमजीडी पानी आपूर्ति कम हुई है। इससे पेयजल किल्लत बढ़ गई है। जल बोर्ड का कहना है कि वजीराबाद, मूनक नहर व डीएसबी में पानी की स्थिति सामान्य होने तक उत्तरी, उत्तर पश्चिमी, पश्चिमी व दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल किल्लत बरकरार रहेगी।



नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के इलाके में भी पेयजल किल्लत की समस्या बनी हुई है। दरअसल, दिल्ली की ज्यादा जरूरतें यमुना से ही पूरी होती है। समस्या यह है कि वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जल स्तर करीब एक माह से कम बना हुआ है। मौजूदा समय में वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जल स्तर 668.70 फीट है। जबकि सामान्य जल स्तर 674.50 फुट होना चाहिए।

इस तरह जल स्तर 5.8 मीटर कम है। जल बोर्ड वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला जल शोधन संयंत्र के लिए 80 प्रतिशत पानी वजीराबाद बैराज से यमुना का पानी उठाता है। वहीं मूनक नहर व डीएसबी से हैदरपुर, हैदरपुर, बवाना, नांगलोई व द्वारका जल शोधन संयंत्र में पानी पहुंचता है। वजीराबाद में यमुना का जल स्तर कम होने के कारण मूनक नहर व डीएसबी से काफी पानी वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र में ले जाकर शोधित किया जाता है लेकिन मूनक नहर व डीएसबी में भी पानी कम हो गया है।

इस वजह से समस्या बढ़ गई है।दिल्ली में प्रतिदिन 1240 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी की जरूरत होती है। जल बोर्ड वजीराबाद में यमुना का जल स्तर घटने से पहले करीब 990 एमजीडी पानी आपूर्ति कर रहा था। जल बोर्ड के अनुसार 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति करीब 915 एमजीडी रही है।

इस तरह 75 एमजीडी पानी आपूर्ति कम हुई है। खास बात यह कि इस बार जल बोर्ड ने ट्यूबवेल के जरिये पानी आपूर्ति बढ़ाई है। इस वजह से मौजूदा समय में करीब 135 एमजीडी ट्यूबवेल से पानी आपूर्ति हो रही है। पिछले साल जल बोर्ड ट्यूबवेल का करीब 95 एमजीडी पानी आपूर्ति कर रहा था। इस लिहाजा से यदि ट्यूबवेल से 40 एमजीडी पानी आपूर्ति नहीं बढ़ती तो अभी समस्या ज्यादा होती।