इंटरनेट यूजर्स (Internet Users) के लिए अच्छी खबर आ रही है। जल्द ही लोगों को 5जी सेवाएं (5G Services) मिल सकती हैं। ये सवाएं 4जी सेवाओं की तुलना में 10 गुना अधिक तेज होंगी। केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) ने आईएमटी/5जी स्पेक्ट्रम (IMT/5G Spectrum) की नीलामी की अनुमति दे दी है। इसमें 20 वर्षों की अवधि के लिए 72 गीगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 5जी स्पेक्ट्रम को लेकर यह बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने टेलीकॉम विभाग के स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें जनता और उद्योगों को 5जी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित किये जाएंगे।


डिजिटल कनेक्टिविटी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। साल 2015 के बाद से देश भर में 4जी सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ, जिससे डिजिटल कनेक्टिविटी काफी बढ़ गई है। आज देश में 80 करोड़ ग्राहकों की ब्रॉडबैंड तक पहुंच है। यह आंकड़ा साल 2014 में सिर्फ दस करोड़ था। यहां बता दें कि नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की कुल कीमत 5 लाख करोड़ रुपये रखी गई है।

जुलाई के आखिर से शुरू होगी नीलामी
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई के आखिर से शुरू हो जाएगी। यह नीलामी 20 वर्षों के लिए होगी। इसमें 600, 700, 800, 900, 1,800, 2,100 और 2,300 मेगाहर्ट्ज बैंड का लो रेंज का स्पेक्ट्रम, 3300 मेगाहर्ट्ज बैंड का मध्यम रेंज का स्पेक्ट्रम और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड का हाई रेंज वाला स्पेक्ट्रम शामिल है।

कई योजनाओं से बना है मजबूत इकोसिस्टम

भारत के 8 टॉप टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में 5G टेस्ट बेड सेटअप भारत में घरेलू 5G तकनीक के लॉन्च को गति दे रहा है। मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाएं और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन से भारत में 5जी सेवाओं के शुभारंभ के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कहा कि वह समय दूर नहीं जब भारत 5G तकनीक और आने वाली 6G तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरने वाला है।