जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर तीव्रता 5.0 मापी गई. इस भूकंप का एपीसेंटर (Epicenter) अफगानिस्तान-तजाकिस्तान बॉर्डर था. दोपहर 2 बजकर 52 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी गहराई 216 किलोमीटर रही. इससे पहले 14 जून को जम्मू-कश्मीर में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई थी. भूकंप दोपहर 1.05 बजे आया. भूंकप का केंद्र ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में था.



क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है. लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं.

ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता
भूकंप (Earthquake) की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल (Richter Magnitude Test Scale) कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के अंकों के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है.