हाई ब्लड शुगर का स्तर जब बढ़ता है तो उसके संकेत कई रूप में बाहर आते हैं। आंखों पर डायबिटीज का संकेत आसानी से पहचाना जा सकता है। आंखों के साथ अगर शरीर में अन्य लक्षण भी दिखने लगें तो आपको बिना देरी किए जांच कराकर अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए।


Type 2 diabetes symptoms: हाई ब्लड शुगर नसों को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करने वाली वेसल्स को क्षतिग्रस्त करने लगता है और ये बेहद गंभीर होता है। इसलिए चेतावनी के संकेतों को पहचान कर तुरंत इलाज जरूरी है। तो चलिए जानें कि डायबिटीज के पांच बड़े और गंभीर लक्षण क्या हैं।
आंखों के नीचे काले धब्बे

डायबिटीज का आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ने पर रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। आंखों की रोशैनी जाने तक का खतरा इससे बना रहता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुआती लक्षण आंखों के नीचे काले धब्बे से होती है। आंखों में सूजन भी बढ़ने लगती है।
कमजोरी या शरीर का एक हिस्सा सुन्न होना

डायबिटीज में कमजोरी सबसे सामान्य लक्षण में से एक है। लेकिन जब शरीर की ये कमजोरी अंगों के सुन्न होने का कारण बनने लगे तो ये ब्लड शुगर का गंभीर लक्षण है। ऐसे में स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है क्योंकि मस्तिष्क तक खून पहुंचने में कठिनाई होने लगती है। दोहरी दृष्टि, चलने-फिरने में दिक्कत, बोलने में कठिनाई, तेज सिर दर्द और तेज चक्कर आना भी स्ट्रोक के लक्षण हैं, जो डायबिटीज में नजर आएं तो तुंरत सर्तक हो जाएं। इससे बचने के लिए फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें और खानपान सही रखें।
सुनाई देने में तकलीफ
अगर आपका ब्लड शुगर लगातार बढ़ रहा है तो इसक असर कान पर भी होता है। अचानक से आप कम सुनने लगें तो आपको अपने कान के साथ ब्लड टेस्ट भी कराना चाहिए। प्रि-डायबिटिक लोगों में कान कमजोर होने की संभावना 30 फीसदी तक ज्यादा होती है।
किसी भी काम में अरुचि
अगर आपको अपनी पसंदीदा एक्टिविटी करने का भी मन नहीं हो रहा तो ये आपके शुगर के बढ़ने का संकेत है। डायबिटीज और डिप्रेशन के बीच गहरा संबंध है और जब शुगर बढ़ती है तो डिप्रेशन भी बढ़ता है।
पैर पर घाव
पैर पर हुआ घाव नहीं भर रहा है तो ये न्यूरोपैथी का संकेत हो सकता है। न्यूरोपैथी होने पर तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है और इसमें ऐसा महसूस होता है कि तलवे में सुई चुभ रही हो। लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़ा रहने की वजह से ऐसा होता है। न्यूरोपैथी के वजह से हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं जिसका मतलब है कि घाव का दर्द ना महसूस होने पर ये शरीर में इंफेक्शन फैला सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज ना करें।
इन लक्षणों भी दें ध्यान
अगर बार-बार प्यास लगती है, यूरिन दिन में पांच बार और रात में तीन बार से अधिक जाते हैं, मुंह सूखता है, सांसों से फलों की गंध आना, बहुत तेज भूख लगना आदि।
तो आपको एक से ज्यादा लक्षण अगर खुद में नजर आ रहे तो आपको अपना ब्लड शुगर जरूर चेक करा लेना चाहिए।