पंजाब के मनसा जिले के जावर के गांव में रविवार को सिद्धू मूसावाला की हत्या कर दी गयी थी. जानकारी के मुताबिक सिद्धू मूसावाला का उनके गांव मूसा में अंतिम संस्कार किया जाएगा. इधर हत्या के इस मामले में पंजाब पुलिस ने जांच करने के लिए CCTV कैमरों की मदद ली है. कई गिरफ्तारियां हुई हैं और कई संदिग्धों से पूछताछ जारी है.
सिद्धू मूसावाला ने निंजा के गीत 'लाइसेंस' के लिए एक गीतकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और 'जी वैगन' के साथ अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की. साल 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले सिद्धू मूसावाला कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मानसा से चुनाव भी लड़ा लेकिन आप के डॉ विजय सिंगला से जीत नहीं पाए.
सिद्धू मूसावाला को गैंगस्टर रैप 'लीजेंड', 'डेविल', 'जस्ट सुनो', 'जट दा मुकाबाला' और 'हथियार' जैसे पंजाबी गानों के लिए जाना जाता था. अपने सिंगिंग करियर में सिद्धू मूसावाला कई कॉन्ट्रोवर्सी में भी रहें.
बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देना.
वो खुले तौर पर बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते थे, उत्तेजक गीतों में गैंगस्टरों का महिमामंडन करते दिखते थे. उन पर अपने गीत "संजू" में हिंसा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे..
सितंबर 2019 में रिलीज़ हुए उनके गीत 'जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वर्गी' ने 18 वीं शताब्दी के सिख योद्धा माई भागो के संदर्भ में एक विवाद को जन्म दिया था जो चर्चा का विषय बना रहा था. हालांकि मूसेवाला ने बाद में इस पर माफी मांग ली थी.
अप्रैल 2022 में, सिद्धू मूस वाला ने अपने नवीनतम गीत 'बलि का बकरा' में आम आदमी पार्टी (आप) और उसके समर्थकों को निशाना बनाया था और खूब सुर्खियां बटोरकर विवाद खड़ा कर दिया था. गीत में आप समर्थकों को गद्दार कहा गया था.
सिद्धू मूसे वाला का नाम भी दिसंबर 2020 में खालिस्तान से जुड़ा था, मूसावाला ने खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का उनके एक गाने 'पंजाब: माई मदरलैंड' में समर्थन किया था.
मई 2020 में मूस वाला के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें वो पांच पुलिसकर्मियों के साथ एक एके-47 और एक निजी पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग लेते दिखे थे. जिसको लेकर मूसेवाला पर आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज हुआ था. पुलिस ने मूसेवाला को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी थी.कुछदिन भूमिगत रहने के बाद मूसेवाला को जमानत मिल गयी थी.