कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के दौरान कुछ देशों में मंकीपॉक्स ( Monkeypox) का प्रकोप फैलना शुरू हो गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने चेतावनी दी कि लाइलाज और जानलेवा मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। संगठन ने कहा है कि यह बीमारी उन देशो नमे भी फैल रही है, जहां उम्मीद नहीं की जा रही थी।


संगठन आने वाले दिनों में मंकीपॉक्स के प्रसार को कम करने के लिए जल्द ही कोई गाइडलाइंस जारी कर सकता है। संस्था ने कहा है कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है और आने वाले दिनों में इसके मामले उन देशों में अधिक होंगे, जहां कोई महामारी नहीं फैलती है।

डब्ल्यूएचओ ने बीमारी को लेकर जांच शुरू कर दी है और यह पता चला है कि इस बीमारी के अधिकतर मामले पुरुषों के पुरुषों से यौन संबंध रखने वाले (MSM) लोगों में अधिक मिले हैं। चलिए जानते हैं कि मंकीपॉक्स क्या है, यह कितनी घातक बीमारी है, कैसे फैलती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचाव हो सकता है?
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नाइजीरिया से इंग्लैंड लौटे एक व्यक्ति में 7 मई को मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अब तक इसके 92 पुष्ट मामले और 28 संदिग्ध मामले मिल चुके हैं। यह बीमारी अब तक 12 देशों में फैल चुकी है।

मंकीपॉक्स रोग क्या है?

मंकीपॉक्स 'चेचक' बीमारी की तरह ही एक दुर्लभ वायरल इन्फेक्शन है और इसका पहली बार 1958 में पता चला था। मंकीपॉक्स का पहला मानव मामला 1970 में सामने आया। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक और चेचक रोग पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।