केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के आधार पर सैलरी में आए बदलाव का फायदा मिल रहा है. पिछले दिनों सरकार की तरफ से महंगाई भत्ता (Dearness allowance) बढ़ाने का भी ऐलान किया गया. तीन महीने का एरियर और सैलरी अप्रैल की सैलरी में आ जाएग. लेकिन इस बीच खबर यह आ रही है कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के बाद नया वेतन आयोग नहीं आएगा.
पूर्व वित्त मंत्री ने दिया था संकेत
सहयोगी वेबसाइट जी बिजनेस में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार जल्द कर्मचारियों (Central Government Employees) की सैलरी बढ़ाने के लिए नया फॉर्मूला ला सकती है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) की तरफ से जुलाई 2016 में ही इसका संकेत दिया गया था.
परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ेगी सैलरी!
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में कहा था कि कर्मचारियों को वेतन आयोग (Pay Commission) से हटकर सोचना चाहिए. वित्त मंत्रालय (Finance ministry) के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नया वेतन आयोग नहीं आएगा. सरकार की तरफ से ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़े.
सरकार ने नहीं दिया कोई आधिकारिक बयान
सरकार की कोशिश है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनधारकों के लिए ऐसा सिस्टम बनाया जाए कि 50 प्रतिशत से ज्यादा डीए होने पर वेतन में खुद-ब-खुद वृद्धि हो जाए. इसे 'ऑटोमेटिक पे रिविजन सिस्टम' नाम दिए जाने की उम्मीद है. सरकार की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
नीचे लेवल वाले कर्मचारियों को फायदा
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली चाहते थे कि मिड लेवल कर्मियों के साथ-साथ निम्न स्तर के कर्मचारियों की भी वेतन वृद्धि होनी चाहिए. इससे नए फॉर्मूले से कम सैलरी और ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारियों के वेतन को अंतर को कम किया जा सकेगा. निम्न स्तर के कर्मचारियों को इसमें फायदा होता दिख सकता है.
कितना होगा फायदा?
पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले कर्मचारियों की सैलरी कम से कम 21 हजार के बीच हो सकती है. मोदी सरकार अगले वेतन आयोग के पक्ष में नहीं है. वेतन आयोग को हर 8-10 साल के बीच लागू किया जाता है. लेकिन, इस बार 2024 में नया फॉर्मूला लागू किया जा सकता है.