यहां चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश में महिला का पैर फिसलने से प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंस गई। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए महिला को जिंदा निकाल लिया। लेकिन चोट ज्यादा लगने से वह बच नहीं सकी। बिरलाग्राम सी-ब्लॉक निवासी राजूबाई पति प्रकाश कल्याणे (50) स्टेशन पर ही सफाईकर्मी है।



जीआरपी के मुताबिक, राजूबाई अपने रिश्तेदार को गाड़ी नंबर 12465 इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस के जनरल कोच से बैठाने आई थी। ट्रेन रुकने पर वह रिश्तेदार के साथ ट्रेन में चढ़ गई, तभी ट्रेन आगे बढ़ गई। राजूबाई उतरने की कोशिश कर रही थी इतने में पैर फिसल गया। वह प्लेटफॉर्म और कोच के बीच फंस गई। मौके पर मौजूद आरपीएफ जवानों ने ट्रेन रुकवाई और प्लेटफॉर्म तोड़कर महिला को जिंदा निकाला और एम्बुलेंस 108 से सरकारी अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। 

आरपीएफ टीआई रफीक अंसारी ने बताया महिला के फंसने के दौरान ट्रेन धीमी गति से चल रही थी। जैसे-जैसे ट्रेन चल रही थी वह रोल हो रही थी। ऐसे करके वह पायदान में दब गई। इससे उसे अधिक चोट आई। पुलिस ने प्लेटफॉर्म ड्रिल मशीन और टामी से तोड़ा, तब महिला की सांस चल भी रही थी। महिला को जिंदा निकालने के बाद पुलिस तत्काल सरकारी अस्पताल ले जा रही थी।

कोटा-रतलाम पैसेंजर (मेला गाड़ी) ट्रेन से आलोट (प्रमिलागंज) से उज्जैन जा रही एक महिला की ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गई। जीआरपी ने मर्ग कायम कर पीएम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। मृत महिला का नाम सुनीता है। पति संदीप गुणेरा रेलकर्मी हैं, जो श्यामगढ़ में पदस्थ है। कुछ दिनों से वे बीमार थे। उपचार के लिए उन्हें उज्जैन के तेजनकर नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था।

पति संदीप से मिलने के लिए सुनीता सोमवार सुबह मेला गाड़ी से उज्जैन के लिए निकली थी। इसी दौरान महिदपुर रोड से लगभग एक किमी आगे रोहलखुर्द के समीप वह ट्रेन से गिरकर घायल हो गई। सहयात्रियों के अनुसार वह लघुशंका के लिए गई थी। इसी दौरान एक मोड़ पर ट्रेन ने झटका खाया, जिससे सुनीता संतुलन नहीं बना पाई और ट्रेन से नीचे जा गिरी।  उपचार के लिए उसे नागदा अस्पताल लाया गया। यहां उसने दम तोड़ दिया।  सुनीता की 7 साल की एक बेटी वर्षा और एक बेटा रिषभ 5 साल का है।