मौत के बाद शव को कब्र में दफन भी कर दिया गया था। लेकिन कुछ तो था जो सबको परेशान कर रहा था, और फिर जो हुआ उससे पुलिस वाले भी हैरान रह गए। जिस बात को पुलिस झुठलाती रही उसका राज कब्र की मिट्टी ने खोल दिया।



कोर्ट के आदेश पर महिला का शव कब्र से निकाला गया। पोस्टमार्टम हुआ। कब्र की मिट्टी और विसरा जांच करने के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। डीएनए पिता से मैच हुआ। जहर की पुष्टि हुई तब जाकर पुलिस ने उसके पति को दहेज हत्या का दोषी पाया और गिरफ्तार कर लिया।

मामला सात महीने पुराना है। सफदर का बगीचा निवासी इकबाल ने अपनी बेटी आफरीन का निकाह 2014 में बागजाला निवासी इमरान के साथ किया था। 25 जुलाई 2017 को आफरीन की मौत हो गई।
पिता ने आरोप लगाया कि दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर ससुरालियों ने उसे जहर देकर मार डाला और शव को कब्रिस्तान में दफन कर दिया। इस मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर इकबाल ने अदालत की शरण ली।

अदालत के आदेश पर पुलिस ने पति इमरान और ससुराल पक्ष के कमरजहां, रईस, जिकरान के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मजिस्ट्रेट के निर्देश पर दफनाने के करीब एक महीने बाद शव को बरेली रोड स्थित कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया गया।

मुकदमे के विवेचक सीओ दिनेश चंद्र ढौडियाल के निर्देश पर इस मामले में पुलिस ने डीएनए और कब्र की मिट्टी एवं विसरा की जांच करने के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। पुलिस का कहना है कि डीएनए माता-पिता से मैच होने पर पता चला कि कब्र से निकाली गई लाश आफरीन की है।