यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूस के अधिकारी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में नाराजगी का सामना कर रहे हैं। पोलैंड में रूसी राजदूत सोमवार को वारसॉ में सोवियत सैनिकों के स्मारक पर फूल चढ़ाने पहुंचे। यहां प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ उनका रास्ता रोका बल्कि उन पर लाल पेंट भी डाल दिया और पथराव किया। विक्ट्री डे के मौके पर सर्गेई एंड्रीव जब वारसॉ में सोवियत मिलिट्री सेरेमनी में शामिल होने पहुंचे तो उन्हें कड़े विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा।


डेलीमेल की खबर के अनुसार एंड्रीव के सामने यूक्रेनी झंडे लहराते प्रदर्शनकारियों ने उन्हें समारोह में जाने से रोक दिया। लोगों ने 'फांसीवादी' के नारे लगाए और उन पर चीजें फेंकनी शुरू कर दी। एंड्रीव और उनके सुरक्षाकर्मी इस पथराव से बचने की कोशिश कर ही रहे थे कि तभी एक प्रदर्शनकारी ने लाल पेंट का एक पैकेट उनके चेहरे की तरफ फेंक दिया। प्रदर्शनकारियों ने इस प्रतिनिधिमंडल को स्मारक के केंद्र वॉर मेमोरियल तक जाने से रोक दिया।


यूक्रेन समर्थक पोलैंड को मिल रही धमकियां
पुलिस डेलिगेशन को घटनास्थल से दूर लेकर गई। बाद में एंड्रीव ने बताया कि उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई है। रूसी राजदूत के साथ हुआ बर्ताव उस गुस्से को दिखाता है जो यूक्रेन युद्ध के बाद पूर्व सोवियत देशों में रूस के प्रति उबल रहा है। पोलैंड और रूस का इतिहास भी युद्ध और हिंसा से भरा है। यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों से ही पोलैंड कीव का समर्थन कर रहा है और बदले में उसे मॉस्को की तरफ से लगातार धमकियां मिल रही हैं।

रूस की धमकियों के बावजूद पोलिश सरकार यूक्रेन को हथियार पहुंचा रही है। यूक्रेनी सशस्त्र बलों को मजबूत करने के लिए पोलैंड ने 200 से अधिक T-72 टैंक कीव को दिए हैं। वारसॉ में हुई घटना को रूसी मीडिया ने पश्चिम में बढ़ती रूस विरोधी भावना बताया है। मॉस्को के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि नाजीवाद समर्थकों ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखा दिया और यहा खून से सना हुआ है।