नैना साहनी हत्या कांड (तंदूर हत्याकांड) में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी सुशील शर्मा को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। यह घटना 1995 की है। उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे युवा कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील शर्मा को अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या के मामले में उम्रक़ैद की सजा मिली थी। यह हत्याकांड शायद किसी के सामने नहीं आता अगर अनारो देवी ने गवाही नहीं दी होती। कौन हैं अनारो देवी? जिन्होंने बिना डरे पूरे हत्याकांड को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। असल में अनारो देवी सब्ज़ी बेचने का काम करती थीं, कोर्ट में गवाही देते समय अनारो देवी ने बताया था कि वो रात 2 जुलाई 1995 की थी जब करीब 11 बजे रोज़ की तरह वो सब्ज़ी बेचकर अपने घर लौट रही थीं। उनके घर के रास्ते में वह रेस्तरां पड़ता है जहां नैना साहनी को जलाया गया था। उन्होंने गवाही में बताया कि, रात करीब 11 बजे उन्हें नई दिल्ली के अशोक यात्री निवास में बने बगिया रेस्तरां से धुंआ उठता दिखा। अनारो को पता था कि 11 बजे तक रेस्तरां बंद हो जाया करता था। उन्हें संदेह हुआ कि रेस्तरां में आग लग गई है।


अनारो ने बिना देर किए वहां मौजूद रेस्तरां कर्मचारी को उसकी जानकारी दी। कर्मचारी ने उसे फटकारते हुए कहा कि तुम निकलो यहां से। अनारो अपने घर की तरफ बढ़ने लगीं लेकिन उनका मन नहीं मान रहा था। उन्होंने एक ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए वहां गश्त लगाते हुए हेड कांस्टेबल अहमद नसीर कुंजू को रेस्तरां में हो रही किसी अनहोनी की सूचना दी। वहां जाने पर रेस्तरां कर्मचारी ने हेड कांस्टेबल को भी वही जवाब दिया जो अनारो को दिया लेकिन तंदूर से आ रही गंध ने हेड कांस्टेबल को शक करने पर मजबूर कर दिया। कर्मचारी के लाख रोकने पर हेड कांस्टेबल बिना सोचे समझे रेस्तरां के अंदर जा पहुंचे। जब हेड कांस्टेबल कुंजू वहां पहुंचे तो नज़ारा वीभत्स था। वहां किसी महिला के कटे हाथ-पैर पड़े हुए थे।


धधकते तंदूर को देखकर लग रहा था वे महिला के बचे शरीर के टुकड़े जलाने की फ़िराक में थे। कुंजू ने मौके पर रेस्तरां मैनेजर केशव को पकड़ लिया जबकि शर्मा मौके से फरार हो गया। कुंजू ने तुरंत इस मामले की सूचना कनाट प्लेस थानाध्यक्ष निरंजन सिंह को दी। जिसके बाद पुलिस जांच में मरी महिला की शिनाख्त सुशील शर्मा की पत्नी नैना साहनी के रूप में हुई। पुलिस जांच में सामने आया कि शादी से पूर्व नैना की एक कांग्रेसी कार्यकर्ता से दोस्ती थी। इस वजह से पति-पत्नी के बीच मनमुटाव रहता था। जिसके कारण 2 जुलाई 1995 को शर्मा ने प्वाइंट 32 बोर की पिस्तौल से दो गोली मारकर नैना की हत्या कर दी। इसके बाद सुशील लाश को पुल से नदी में फेंकने के चक्क्र में था लेकिन नाकाम रहा। उसने लाश को अपने ही रेस्तरां के तंदूर में जलाने की सोची लेकिन अनारो देवी ने उसका पर्दाफाश करते हुए उसे सजा दिला दी।