महंगाई के साथ-साथ अब समूह बीमा भी महंगा होने जा रहा है। कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा देने के लिए समूह बीमा कराया जाता है। अब इस समूह बीमा के तहत कर्मचारियों की वेतन से कटने वाले प्रीमियम में 15% तक बढ़ोतरी की जा सकती है। बताते चलें वैश्विक स्तर पर बढ़ी महंगाई का असर बीमा सेक्टर पर भी पड़ रहा है। जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। ऐसे में समूह बीमा लेने वाली कंपनियों को अब बीमा के प्रीमियम के भुगतान के लिए कर्मचारियों की सैलरी से अधिक पैसा काटना पड़ेगा।
health insurance policies: लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच समूह स्वास्थ्य बीमा ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी इस साल 15% तक बढ़ सकता है। बढ़ोतरी अन्य एशियाई देशों के मुकाबले भारत में सबसे ज्यादा होगी। मर्सल मार्स बेनिफिट्स के सर्वे में कहा गया है कि यह लगातार तीसरा साल होगा जब प्रीमियर में दहाई अंकों की वृद्धि देखने को मिलेगी। बढ़ोतरी सामान्य महंगाई दर के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।
Health Insurance Policies सर्वे में शामिल 81% एशियाई बीमा कर्ताओं ने कहा महामारी के कारण 2021 में मेडिकल क्लेम के साथ इलाज खर्च बढ़ा है। स्वास्थ्य बीमा की मांग में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में आज संक्रामक बीमारियों से हर साल करीब 58 लाख लोगों की मौत होती है। इन में सबसे ज्यादा 55% क्लेम कैंसर के मरीज करते हैं। 83 परसेंट क्लेम सर्कुलेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित मरीज करते हैं। जानकारों का कहना है कोरोना महामारी से पहले के मुकाबले इलाज की लागत बढ़ गई है। क्लेम की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है इससे बीमा कंपनियों के खर्च में इजाफा हुआ है। कंपनियां अब इसका कुछ बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की तैयारी में हैं।
जानें क्या है समूह स्वास्थ्य बीमा
समूह बीमा किसी कंपनी की ओर से अपने कर्मचारी को दिए जाने वाली सुविधा है। जो कर्मचारियों और उसके परिवार के सदस्यों को मेडिकल कवरेज देता है। प्रीमियम का भुगतान कर्मचारी की वेतन से ही किया जाता है। कर्मचारी को इसका लाभ तब मिलता है जब तक वह कंपनी से जुड़ा रहता है।