उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे पर अब सफर करने के लिए जेब भी ढीली करनी होगी। राज्य सरकार ने एक्सप्रेस-वे पर एक मई से टोल टैक्स लगाने का फैसला किया है। टेंडर प्रक्रिया के जरिये उच्चतम वित्तीय निविदा के आधार पर इंदौर की एजेंसी मेसर्स प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड का चयन किया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वाले वाहन चालकों को एक मई से जेब ढीली करनी होगी। यूपीडा ने टोल वसूली के कुल 13 प्वाइंट बनाए हैं। इनमें जिले के हैदरिया और लखनऊ के गोसाईगंज के महोराकलां में दो बड़े टोल लगाए गए हैं। इसके अलावा बीच के एंट्री प्वाइंट पर 11 छोटे टोल हैं। एक्सप्रेस-वे पर बीच में कहीं से भी सफर शुरू करने वाले को भी टोल देना होगा।
राजधानी लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाले 340 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों से पहली मई से टोल टैक्स वसूला जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चार पहिया वाहनों के लिए 2.45 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से टोल टैक्स वसूलने की तैयारी है।
इस आधार पर कुल टोल टैक्स 833 रुपये होगा, लेकिन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इस हिसाब से वास्तविक टोल टैक्स 625 रुपये होगा। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स वसूली की तैयारी की समीक्षा की।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों से टोल टैक्स पहली मई से वसूला जाएगा। इसके लिए टोल टैक्स की दरें अधिसूचित की जाएंगी। यह दरें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर लागू टोल टैक्स की दरों के समान होंगी। हालांकि इसमें मामूली अंतर हो सकता है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरता है। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा। 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर को सीधे सिक्सलेन से जोड़ रहा है।