इंश्योरेंस पॉलिसी के रुपए प्राप्त करने के लालच में अपनी ही मौत की कहानी रची। भदेसर क्षेत्र में पकड़े गए आरोपी ने पहले अपनी कद-काठी के जैसे एक व्यक्ति से दोस्ती की फिर उसे मार कर खुद के कपड़े पहना दिए।


एसपी प्रीति जैन ने बताया कि सतपुडा डोरिया निवासी रविन्द्र सिंह (35) पुत्र मोती सिंह राजपूत के कर्जा हो गया था जिसको चुकाने के लिए उसे पॉलिसी के 60-70 लाख रुपए की जरूरत थी। उसके लिए उसने अपनी ही मौत की कहानी रची। उसने 15 दिन पहले ही प्रतापगढ़ के रामपुरिया निवासी संतोष कुमार पुत्र किरणलाल मीणा के साथ दोस्ती की। कद-काठी एक जैसी होने के कारण उसने संतोष को चुना। 18 मार्च की रात को पत्थर से वार कर उसकी हत्या कर दी। संतोष को अपने कपड़े पहनाए। लाश का चेहरा बिगाड़ दिया। मृतक के जेब में आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राईविंग लाईसेन्स और पेड मोबाइल रख दिया। फिर लाश को रिठौला के सड़क पर लाकर डाल दिया।

शुरू में करता रहा गुमराह

पुलिस ने जब पूछताछ की तो रविंद्र ने हत्या करना स्वीकार किया। शुरू में वह पुलिस को गलत गलत नाम बताता रहा और गुमराह करता रहा। इसके अलावा भी हत्या का भी अलग अलग कहानी सुनाता रहा लेकिन फिर उसने माना कि उसी ने संतोष की हत्या की और एक्सीडेंट का रूप देने के लिए मोटरसाइकिल को डैमेज कर रोड पर डाल दी थी। गाड़ी को जगह-जगह से डेमेज किया और लाश की शिनाख्त ना हो, इसलिए मुंह पर पत्थर मारा, हाथ का पंजा काट दिया और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में रगड़ के निशान बनाएं। पुलिस ने रविंद्र को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी।

यह था मामला

पुलिस को 19 मार्च को इसकी जानकारी मिली थी कि रिठौला के पास एक बाइक और एक लाश मिली है। पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के आईडी कार्ड देख कर और मोटरसाइकिल के नंबर की जांच करने के बाद उसकी पहचान रविंद्र सिंह के नाम पर हुई। इस पर रविंद्र सिंह के घरवाले हॉस्पिटल पहुंचे और उसकी शिनाख्त की। रविंद्र सिंह खेत पर इधर-उधर घूम रहा था। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने सोचा कि वह डोडा चोरी करने आया। ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।