उत्तर प्रदेश के सबसे लम्बे एक्सप्रेस पर अब फर्राटा भरने वालों के लिए मुफ्त का सफर समाप्त हो रहा है। लखनऊ को गाजीपुर से जोडऩे वाले सिक्स लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक मई यानी रविवार से टोल टैक्स लगेगा। इस पर बीते वर्ष 16 नवंबर से यातायात का संचालन हो रहा था।


पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अब एक मई से चार पहिया या इससे बड़े वाहन से यात्रा करने वालों को टोल टैक्स देना होगा। अब लखनऊ से गाजीपुर तक 340 किलोमीटर लंबे सफर में एक चार पहिया वाहन चालक का कुल टोल टैक्स 833 रुपये के रूप में देना होगा। सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स में 25 प्रतिशत छूट दी है। 25 प्रतिशत छूट के साथ वास्तविक टोल टैक्स 625 रुपये देना होगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर कुल टोल टैक्स 833 रुपये होगा। सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर टोल टैक्स में 25 प्रतिशत छूट दी है। 25 प्रतिशत छूट के साथ वास्तविक टोल टैक्स 625 रुपये देना होगा। यह व्यवस्था कल एक मई से 2022 से लागू हो जाएगी। योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया के जरिये इंदौर की एजेंसी मेसर्स प्रकाश एस्फाल्टिंग्स एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड को टोल टैक्स का काम दिया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अभी प्रति किलोमीटर 2.45 रुपये की दर से टोल टैक्स वसूला जायेगा। सरकार को इस एक्सप्रेसवे के जरिये टोल के रूप में 202 करोड़ रुपये सालाना मिलेंगे। यूपीडा ने टोल वसूली के कुल 13 प्वाइंट बनाए हैं। इनमें गाजीपुर जिले के हैदरिया व लखनऊ के गोसाईगंज के महोराकलां में दो बड़े टोल लगाए गए हैं। इसके अलावा बीच के एंट्री प्वाइंट पर 11 छोटे टोल हैं। एक्सप्रेस-वे पर बीच में कहीं से भी सफर शुरू करने वाले को भी टोल देना होगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अभी तो उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरता है। बाद में इसका विस्तार बलिया तक कर दिया जाएगा। प्रदेश का सबसे लम्बा (340 किलोमीटर)पूर्वांचल एक्सप्रेस वे प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अभी तक बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर से सीधा जोड़ रहा है। भविष्य में इसको बलिया तक बढ़ाया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में 22 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 बड़े पुल, 114 छोटे पुल बनाए गए हैं। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर 45 वाहन अंडरपास, 139 छोटे वाहन अंडरपास, 87 पैदल अंडरपास और 525 बॉक्स कल्वर्ट का निर्माण किया गया है। करीब 11,216 करोड़ रुपये की लागत से इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है।