श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को प्रधानमंत्री आवास को घेर लिया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के 16 दिन हो गए हैं। इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन (आइयूएसएफ) के हजारों छात्रों को विजेरमा मवाता में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर नारेबाजी करते हुए देखा गया। तस्वीरों में अनेक छात्र प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास की चारदीवारी के पास प्रदर्शन करते दिखे।


श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को प्रधानमंत्री आवास को घेर लिया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के 16 दिन हो गए हैं। इंटर यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स फेडरेशन (आइयूएसएफ) के हजारों छात्रों को विजेरमा मवाता में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर नारेबाजी करते हुए देखा गया। तस्वीरों में अनेक छात्र प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास की चारदीवारी के पास प्रदर्शन करते दिखे।

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास की दीवारों पर 'राजपक्षे, घर जाओ' लिख दिया। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे द्वारा अंतरिम सरकार की मांग खारिज किए जाने के एक दिन बाद, रविवार को विरोध प्रदर्शन ने और नाजुक मोड़ ले लिया।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अंतरिम सरकार बनाये जाने संबंधी प्रदर्शनकारियों की मांग को खारिज कर दिया है। रेडियो स्टेशन नेथ एफएम से बात करते हुए कहा कि ऐसे राजनीतिक गठन का कोई फायदा नहीं है, जब अलग-अलग नीतियों वाले लोग एक तरह से नहीं सोच सकते। गहाराये आर्थिक संकट पर उन्होंने कहा कि इस बेहद कठिन समय में लोगों को धैर्य रखना चाहिए। यदि बातचीत नहीं करनी है तो लोग अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने कर्ज में डूबे श्रीलंका को वर्तमान आर्थिक संकट खत्म करने के उसके प्रयास में सहयोग का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही देश के वित्त मंत्री अली साबरी के साथ शुरुआती चर्चा को सार्थक करार दिया है। ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने के बाद से श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री साबरी ने कहा है कि अगले 20 दिन में श्रीलंका अपने ऋण पुनर्गठन में मदद के लिए सलाहकार नियुक्त करेगा। उन्होंने बताया कि आइएमएफ से वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए देश के अस्थिर विदेशी ऋण का पुनर्गठन एक प्रमुख शर्त है।