बच्चों को घूमना-फिरना और ट्रैवल करना बहुत पसंद होता है और लंबे टूर पर तो लगभग हर कोई कार से ही जाता है। बच्चों को कार से ट्रिप पर जाना तो पसंद होता है लेकिन कुछ बच्चों को कार में उल्टी होती है।
बच्चों को क्यों होती है कार में उल्टी
कार सिकनेस एक तरह की मोशन सिकनेस होती है जो कि बच्चे के कान के अंदरूनी हिस्से, आंखों और मांसपेशियों और जोड़ों की नसों को अलग-अलग सिग्नल मिलते हैं।
जब बच्चा खिड़की से नीचे बैठता है और बाहर की हवा नहीं ले पाता है तो उसे कार सिकनेस हो सकती है। इससे दिमाग कंफ्यूज हो जाता है और लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। यह समस्या आमतौर पर 2 से 12 उम्र के बच्चों में होती है।
बच्चों में मोशन सिकनेस के कुछ आम लक्षणों में पेट खराब होना, ठंडा पसीना आना, थकान, भूख में कमी और उल्टी शामिल हैं। अगर बच्चे की स्किन पीली पड़ रही है, बेचैनी, जम्हाई आने या खाना न खाने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो आप इसे नजरअंदाज न करें।
बच्चों में उल्टी रोकने के कुछ घरेलू नुस्खे हैं :
मोशन सिकनेस के इलाज में अदरक बहुत असरकारी होती है। ये पेट की मांसपेशियों की दीवारों की मूवमेंट को धीमा करके काम करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार वयस्क दिन में तीन बार अदरक का रस 250 मिग्रा की मात्रा में ले सकते हैं। बच्चों को इससे कम मात्रा की खुराक की जरूरत होती है। आप इसके बारे में पीडियाट्रिशियन से भी पूछ सकते हैं।इसके अलावा अरोमाथेरेपी जैसे कि पुदीना या लैवेंडर में मतली को रोकने के गुण होते हैं।
ये भी कर सकता है काम
- जब भी बच्चे को बीमार महसूस हो, तो उससे आंख बंद करने को कहें या दूर की किसी बिंदु पर फोकस करने के लिए कहें।
- गहरी सांस लेने से मोशन सिकनेस से जल्दी राहत मिल सकती है। वहीं ध्यान भटकाने से भी मोशन सिकनेस दूर हो सकती है।
- अगर मोशन सिकनेस बनी हुई है तो बच्चे को लिटा दें और उसके सिर पर ठंडी पट्टी लगाएं।
- इस समय किताब पढ़ने या डिजीटल डिवाइस का इस्तेमाल करने से बचें।
- ट्रैवल के दौरान हल्का खाना खिलाएं और ज्यादा तली भुनी चीजों से दूर रहें।