गर्मी इस साल रिकॉर्ड तोड़ पड़ रही है। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनके काम के आगे मौसम भी दीवार नहीं बन सकता है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें समय पर फूड डिलीवरी करने के लिए टीचर भरी गर्मी साइकिल चला कर पहुंचा। उसके इस जज्बे को देखर इंटरनेट यूजर्स भावुक हो गए और इस टीचर की मदद के लिए लगा पैसों का झड़ी।
अप्रैल के महीने में जबरदस्त गर्मी पड़ रही है। इस मौसम में जहां घर के अंदर बैठना भी मुश्किल हो रहा है, वहीं इस भीषण गर्मी में समय पर फूड डिलीवर करने के लिए एक डिलीवर मैन साइकल चला कर पहुंचा। इस डिलीवरीमैन के जज्बे को देखर इंटरनेट यूजर्स भी भावुक हो गए। धूप और गर्मी के थपेड़ों को सहते हुए भी ग्राहक को समय पर खाना पहुंचाने वाला ये डिलीवरीमैन एक टीचर है। उसे वक्त पर ठंडी कोल्डड्रिंक और खाना कस्टमर को पहुंचाना था, यही वजह है कि उसने गर्मी की परवाह किए बगैर अपन साइकल निकाली और फूर्ति से डिलीवरी करने निकल पड़ा।
Delivery Boy Delivers Food On Time In A Hot Day Users Helped Rupees 1.5 Lakh
ये डिलीवारीमैन राजस्थान का रहने वाला है। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी भी इसके काम के जज्बे को कमजोर नहीं कर पाई। यही वजह है कि इंटरनेट यूजर्स इस डिलीवरीमैन की जमकर तारीफ कर रहे हैं। ना सिर्फ तारीफ बल्कि इसकी मदद के लिए हाथ भी आगे बढ़े हैं।
ये मामला 11 अप्रैल का है, जिसके बारे में खुद कस्टमर ने ट्विटर (Viral Twitter) पर लोगों को बताया। आदित्य शर्मा नाम के एक शख्स ने डिलीवरीमैन के बारे में बताते हुए ट्वीट किया।
उसने अपनी पोस्ट में बताया- ‘आज मेरा ऑर्डर टाइम पर डिलीवर हुआ। हैरान करने वाली बा ये है कि डिलीवरी बॉय साइकिल से आया था।’ उन्होंने आगे लिखा- ‘मेरे शहर का तापमान 42 डिग्री है, इसके बाद भी मेरा ऑर्डर मुझे वक्त पर मिल गया।’
पेशे से टीचर है दुर्गाशंकर
आदित्य ने थ्रेड ट्वीट करके डिलीवरी ब्वॉय दुर्गाशंकर मीणा की कहानी शेयर की है। उन्होंने बताया कि दुर्गा शंकर बी. कॉम. तक पढ़े हैं और 12 साल से एक प्राइवेट स्कूल में इंग्लिश के टीचर थे।
कोरोना में चली गई नौकरी तो करने लगे फूड डिलीवरी
कोरोना में नौकरी जाने के बाद उन्होंने जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय बनकर पैसे कमाने शुरू कर दिए। चूंकि वो अब भी ऑनलाइन ट्यूशन देते हैं, इसलिए उनके खरीदे गए लैपटॉप की किश्त भी उनकी 10 हजार की सैलरी में से ही कटती है।
यूजर्स ने मदद के लिए लगा दी पैसों की झड़ी
दुर्गा शंकर का कहना है कि वे दिन की 10-12 डिलीवरी कर लेते हैं। ऐसे में बाइक मिलने से उनका काम थोड़ा आसान हो जाएगा। इतना जानकर दुर्गाशंकर की यूपीआई पर क्राउड फंडिंग का सिलसिला शुरू हो गया। महज 3 घंटे के अंदर लोगों ने डेढ़ लाख रुपए उन्हें दिए।
एक बाइक के लिए उन्हें 75 हजार रुपए चाहिए थे, लेकिन अब वे न सिर्फ बाइक ले सकते हैं, बल्कि जरूरत के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें लैपटॉप आदी भी शामिल है।
दुर्गा शंकर का कहना है कि वे दिन की 10-12 डिलीवरी कर लेते हैं। ऐसे में बाइक मिलने से उनका काम थोड़ा आसान हो जाएगा। इतना जानकर दुर्गाशंकर की यूपीआई पर क्राउड फंडिंग का सिलसिला शुरू हो गया। महज 3 घंटे के अंदर लोगों ने डेढ़ लाख रुपए उन्हें दिए।
एक बाइक के लिए उन्हें 75 हजार रुपए चाहिए थे, लेकिन अब वे न सिर्फ बाइक ले सकते हैं, बल्कि जरूरत के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें लैपटॉप आदी भी शामिल है।