मामला शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के सरजापुर गांव का है। 1 दिन के बच्चे को खेत के मेढ़ किनारे जमीन में बने एक गड्ढे में दफनाने के बाद क्रूर मां ने उस पर पत्थर रख दिए और उसे झाड़ियों से ढक दिया। ताकि वहां किसी को बच्चे के दफन होने के बारे में पता न चले। लेकिन कहते हैं कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है और यही इस नवजात बच्चे के साथ हुआ।
जब नवजात बच्चा रो रहा था उसी दौरान अपने पशुओं को चरा रहे एक किसान को नवजात के रोने की आवाज मिली। जब उसको बच्चे की आवाज सुनाई दी तो वह मौके पर पहुंचा। सामने का दृश्य देखकर किसान दंग रह गया उसने तुरंत डायल 100 पर कॉल कर दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को अस्पताल पहुंचाया। नवजात के सिर, घुटने और पैर में चोट लगने के कारण उसे एसएनसीयू शिवपुरी में भर्ती कराया गया है।
फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चे को यहां कौन लाया था। नवजात का वजन 2.155 किलो है। बच्चे की हालत को देखते हुए डॉक्टर अनुमान लगा रहे हैं कि बच्चे का जन्म बुधवार की सुबह हुआ होगा। जंगल से सटे खेत का मेढ़ा किनारा जहाँ शिशु को दबाया गया था। उस जगह कम गहराई का गड्ढा होने के कारण बच्चे की सांसें चलती रहीं और वह बच गया।